यूपी के कुशीनगर में शिक्षामित्रों ने सरकार के ख़िलाफ़ अनोखे अंदाज़ में विरोध दर्ज किया। सहायक शिक्षक के पद पर बहाली को लेकर संबे समय से आंदोलन कर रहे शिक्षामित्रों ने खून से ख़त लिख कर सरकार से सामूहिक फांसी की मांग की है।

शिक्षामित्रों ने यह ख़त राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी चीफ़ अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास भेजा है। खून से लिखे गए इस ख़त में प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षामित्रों की बहाली की मांग की गई है।

शिक्षामित्रों का कहना है कि जब तक शरीर में एक भी खून का कतरा होगा वो अपना हक मांगते रहेंगे। शिक्षामित्रों ने मांग की है कि या तो उन्हें बहाल किया जाए नहीं तो उन्हें सामूहिक रूप से फांसी दे दी जाए।

ग़ौरतलब है कि कोर्ट ने शिक्षामित्रों को बहाल करने का आदेश दिया था। लेकिन राज्य सरकार ने इसपर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। हालांकि कोर्ट ने शिक्षामित्रों के समायोजन के प्रस्ताव को रद्द कर दिया था।

शिक्षामित्रों का कहना है कि समायोजन के बाद उनकी जीवनशैली बदल गई थी। उन्होंने अपने बच्चों का अच्छे स्कूलों में दाखिला करा दिया लेकिन कोर्ट के एक आदेश और प्रदेश सरकार की उदासीनता से उनकी दुनियां उजड़ गई है। समाज में उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा, वे अब घुट-घुट कर जी रहे हैं।

शिक्षामित्रों ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर अब हम लोगों ने खून से ख़त लिखना शुरू किया है क्योंकि अब हमारे शरीर में खून रहकर भी क्या करेगा, जब हम और हमारे बच्चे समाज से बहिष्कृत रहेंगे।

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