मोदी सरकार के शासनकाल में तकरीबन हर सेक्टर मंदी के दौर से गुज़र रहा है। ऑटोमोबाइल और मोबाइल सेक्टर के बाद अब स्टील सेक्टर मंदी की कगार पर खड़ा है। झारखंड में तकरीबन 30 स्टील कंपनियां बंद होने वाली हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड में जमशेदपुर और उसके आसपास के इलाकों में स्थित तकरीबन 12 स्टील कंपनियों ने गुरुवार को अपना शटर डाउन कर दिया। इसके साथ ही टाटा मोटर्स को भी चार बार ब्लॉक बंद करना पड़ा। बताया जा रहा है कि टाटा मोटर्स को यह कदम बाजार में गिरावट की वजह से उठाना पड़ा। पिछले दो महीनों में हर महीने 15 दिन ही उत्पादन हुआ। बता दें कि आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में 1000 ऑटो सहायक कंपनियां टाटा मोटर्स पर ही निर्भर हैं।
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रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनियों ने 1000 वाई-6 कर्मचारियों को 12 दिनों तक छुट्टी देकर घर बैठने को कहा है। स्थायी कर्मचारी 5 अगस्त को फिर से ड्यूटी पर लौटेंगे। जबकि वाई-6 कर्मचारियों से 12 अगस्त से ड्यूटी पर लौटने को कहा गया है।
सूत्रों के मुताबिक अगस्त में केवल एक हफ्ते के लिए उत्पादन के आदेश हैं। वहीं दूसरी तरफ पावर टैरिफ में बढ़ोतरी ने स्टील सेक्टरों को प्रभावित किया है। इसके परिणामस्वरुप लगभग 30 कंपनियां मंदी की कगार पर खड़ी हैं और एक दर्जन से अधिक कपंनियों ने शटर डाउन कर दिया है।
लघु उद्योग भारती के जिला अध्यक्ष रूपेश कतरियार का कहना है कि मंदी के दौर में उद्योगो को राहत देनी चाहिए, पर बिजली बिल में बढ़ोतरी हो गई है। ऐसे में कंपनियों के पास बंद करने के अलावे कोई रास्ता नहीं है। ऑटो मोबाइल सेक्टर पहले ही मंदी के दौर से गुजर रहा है। अब सरकार ने दोहरी मार झेलने को उद्यमियों को मजबूर कर दिया है।
बता दें कि इससे पहले ऑटो सेक्टर में मंदी की खबर आई थी।
खबरों के मुताबिक, मोदी सरकार द्वारा लागू की गई GST की वजह से ऑटो सेक्टर मंदी की मार झेल रहा है। इस सेक्टर में 10 लाख नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। कंपनियों ने 28 फीसदी जीएसटी के चलते उत्पादन कम कर दिया है।