प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उज्जवला योजना में किस कदर धांधली हो रही है, इसकी एक बानगी उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में देखने को मिली। यहां लाभार्थियों को दिए जाने वाले पांच हज़ार से ज़्यादा रसोई गैस के सिलेंडर झाड़ियों से बरामद किए गए हैं।

मामला जिले के पचपेड़वा इलाके का है। बताया जा रहा है कि भार्गव गैस एजेंसी ने लाभार्थियों को उज्जवला योजना से जुड़े गैस सिलेंडर न बांटकर उसे झाड़ियों में छिपा दिया था। इसे पीएम मोदी की महात्वकांक्षी उज्जवला योजना का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है।

इस घोटाले का पता तब चला जब कुछ लोगों ने झाड़ियों में सिलेंडरों को देखा। इसके बाद प्रशासन को खबर दी गई। प्रशासन ने फौरन ही गैस एजेंसी को सील कर दिया और छिपाकर रखे गैस सिलेंडरों को इकट्ठा किया गया जो पांच हज़ार के करीब पाए गए हैं। सिलेंडरों के साथ ही मौके से सैकड़ों की तादाद में रेगुलेटर भी बरामद हुए हैं।

हैरानी की बात ये है कि गैस एंजेसी में इन सिलेंडरों को लेकर कोई भी रिकॉर्ड तक नहीं मिला है। कलेक्टर ने इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। दो दिन से इस बड़े घोटाले की जांच चल रही है। एजेंसी संचालक के ख़िलाफ़ 3/7 की धारा में मुकदमा दर्ज करा दिया गया। साथ ही अन्य अवशेषों की जांच कराई जा रही है।

जांच के मुताबिक, उज्ज्वला योजना के तहत भार्गव गैस एंजेसी को यह सिलेंडर दिए गए थे। एजेंसी को जब गैस, सिलेंडर, चूल्हा और रेग्युलेटर भेज दिये गये तब एंजेसी ने उसे अपने कस्टमर्स तक पहुंचाने की बजाय इन्हें स्टोर करना शुरू कर दिया।

जांच में यह भी पता चला है कि एंजेसी ने गैस कनेक्शन के नाम पर अवैध वसूली भी की। इतना ही नहीं, 2011 की जनगणना के अनुसार जिन पात्रों का नाम सूची में था, उनसे 500 से लेकर 1500 की अवैध वसूली भी की गई। जब पात्रों के नाम से गैस कनेक्शन जारी हुआ तो उन्हें कनेक्शन देने के बजाए एजेंसी ने सभी भरे सिलेंडरों को डंप करके गैस की कालाबाजारी शुरू कर दी।

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