आपदा में अवसर इसे ही कहते हैं. कोरोना ने एक बार फिर से अपना रौद्र रुप दिखाना शुरु कर दिया है।

पिछले साल कोरोना काल में पानीपत की एक एक्सपोर्ट कंपनी से पीपीई किट और मास्क अी सप्लाई के नाम पर 9 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी का मामला उजागर हुआ है।

यूपी की मेडिकल कंपनी के नाम से ऑर्डर देकर माल उठाया गया और बाद में पता चला कि उक्त कंपनी ने कोई ऑर्डर दिया ही नहीं है।

मालूम हो कि ठगों ने यूपी मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से पानीपत की एक कंपनी को पीपीई किट और मास्क के लिए ईमेल और पत्र के माध्यम से ऑर्डर दिया और माल सप्लाई लेकर पूरे पैसे हड़प् कर लिए।

भुगतान के लिए जब कंपनी ने बिल भेजा तब जाकर इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इसके बाद मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन लिमिटेड के एमडी ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया है।

ये जालसाज इतने होशियार थे कि इन्होंने कंपनी को मार्केट से भी ज्यादा उंचे रेट पर ऑर्डर कर दिया था। इन्होंने कंपनी को 50 हजार पीपीई किट का ऑर्डर किया और रेट तय किया 1200 रुपये प्रति पीस।

इतना महंगा सौदा देखकर कंपनी भी झांसे में आ गई और 9 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम का चूना लगवा बैठें।

इसके पहले भी यूपी में पिछले साल कोरोना काल में पीपीई किट और मास्क घोटाले की खबरें सामने आई थी लेकिन बाद में इस मामले को दबा दिया गया।

दोनों मामलों में फर्क ये है कि उस वक्त सरकार में बैठे लोगों ने घोटाले को अंजाम दिया था और इस बार सरकारी कंपनी के नाम पर फर्जीवाड़ा कर दिया गया है।

वहीं इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार उमाशंकर सिंह ने चुटकी ली है. उन्होंने यूपी की इस पीपीई किट और मास्क सप्लाई के नाम पर हुए घोटाले की खबर को ट्वीट करते हुए लिखा है ये भी डिलीट न हो जाए !

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