उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में एक 20 वर्षीय दलित युवती की आत्महत्या से मौत होने की खबर सामने आयी है।

हमीरपुर के मझगवां में रहने वाली पीड़ित की संबंधी मानकुंवर ने पुलिस के पास अपने परिवार के साथ हुई बदसलूकी की FIR दर्ज करवाई थी।

लेकिन FIR करवाने के 8 हफ्ते बाद भी जब पुलिस की तरफ से कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई तब पीड़ित बालिका ने खुद को खत्म करना चुना।

FIR में मानकुंवर ने नामजद शिकायत दर्ज करवायी थी जिसमें चंदूभान नाई, उसके बेटे सचिन और सनी, महराज बलराम पंडित, पंकज गुप्ता और शिवाकांत के नाम शामिल है। ये सभी हमीरपुर के दबंगों की फेहरिस्त में शामिल हैं।

इन सभी लोगों पर आरोप है कि डेढ़ महीने पहले प्रधानी का चुनाव जीतने के बाद इन्होंने पीड़ित परिवार के घर के बाहर देर रात तक गोले दागे, अश्लील नारे लागाए और मानकुंवर और उसकी पति नृपत सिंह को खूब गालियाँ दीं।

रात भर मानकुंवर और उनके परिवार ने जब चंदूभान और उसके साथियों की गालियों का कोई जवाब नहीं दिया तो वो सुबह उनके घर के बाहर डीजे लगाकर बेहद शोर मचाते हुये नाचने लगे। डीजे भी इस तरह लगाया गया जिससे मानकुंवर के घर का मुख्य दरवाज़ा ढक गया।

जब मानकुंवर और उनकी भतीजी दीपा ने बाहर जाने देने के लिये चंदूभान और उसके साथियों को डीजे हटाने को कहा, तब उन्होंने दीपा को घसीटते हुये अपने साथ नाचने को मजबूर कर दिया।

दीपा की रोने की आवाज़ सुनकर जब घर के बाकी सदस्य बाहर निकले तब चंदूभान और साथियों उनके साथ मारपीट की। मारपीट के दौरान ही मानकुंवर को जमीन पर पटक कर उनकी साड़ी फाड़ दी।

मानकुंवर ने ये शिकायत अप्रैल में दर्ज करवाई थी। लेकिन डेढ़ महीने बीतने के बाद भी मामले में ना ही कोई गिरफ्तारी हुई, ना आरोपियों से किसी तरह की पूछताछ की गयी।

अपने साथ हुये अन्याय को 20 वर्षीय दीपा नहीं सह पायी और उसने अपने दुपट्टे से फांसी लगाकर अपनी जान देदी। पुलिस अधिकारियों ने छात्रा की मौत की पुष्टि की है।

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