पंजाब नेशनल बैंक घोटाला मामले में अब एक नया खुलासा हुआ है। ABP न्यूज़ की खबर के मुताबिक घोटाला 12,600 करोड़ रुपये का नहीं बल्कि 29000 करोड़ रुपये का हो गया है।

बता दें, कि पीएनबी बैंक में हज़ारों करोड़ का घोटाला सामने आया है। इस घोटाले में आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी हैं। नीरव मोदी देश के सबसे बड़े उद्योगाती मुकेश अंबानी के रिश्तेदार हैं। मुकेश अंबानी को मोदी सरकार का करीबी माना जाता है।

हाल ही में स्विटज़रलैंड के दावोस शहर में हुए वर्ल्ड इकनोमिक फोरम की बैठक में नीरव मोदी को भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ देखा गया था।


घोटाले की जांच के दस्तावेज़ों के आधार पर बताया गया है कि ये घोटाला 29000 करोड़ का है। ये घोटाला 2011 में शुरू हुआ और 2017 तक चला। घोटाला कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों की सरकार के दौरान चला। बल्कि भाजपा के कार्यकाल में घोटाला की रकम बहुत ज़्यादा बढ़ गई।

2011 में बैंक से 750 करोड़ के 50 LOU (लैटर ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग) लिए गए। LOU एक गैरंटी होती है जिसे कोई बैंक किसी कंपनी के समर्थन में किसी अंतर्राष्ट्रीय बैंक को देता है। इस गैरंटी के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय बैंक कंपनी को लोन देता है। अगर कंपनी लोन न चुकाए तो LOU देने वाले बैंक को ये लोन चुकाना होता है।

2011 के बाद 2012 में 2300 करोड़ के 100 LOU, 2013 में 4000 करोड़ के 250 LOU, 2014 में 2000 करोड़ के 125 LOU, 2015 में 4200 करोड़ के 350 LOU, 2016 में 7000 करोड़ के 500 LOU, 9500 करोड़ के 300 LOU। मतलब यूपीए सरकार में 9000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। वहीं मोदी सरकार में 20,000 करोड़ रुपये का घोटाला।

कंपनी ने जो बैंक से लोन लिया उसे चुकाने के लिए अगले साल उसका दुगना लोन लिया। इसी तरह हर साल ये घोटाला बढ़ता चला गया।

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