जहाँ अभी फेसबुक डाटा लीक ने पूरी दुनिया में सबकी नींद उड़ा दी है वहीं अब इस मामले में आधार को लेकर भी एक बड़ा खुलासा हुआ है। फेसबुक का डाटा लीक करने वाली कंपनी का संबंध आधार से भी है।

बता दें, कि हाल ही में कैम्ब्रिज एनालिटिका नाम की फर्म यानि कंपनी पर फेसबुक के पांच करोड़ यूज़र की निजी जानकारी चुराने का आरोप है। इस फर्म ने अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प के लिए काम किया था। ये कहा जा रहा है कि इसने इस डाटा का प्रयोग इस चुनाव में ट्रम्प को फायदा पहुँचाने के लिए किया है।

आधार की सुरक्षा अमेरिका की तीन कम्पनियाँ देखती हैं। एल-1 आइडेंटिटी सौल्युशन, मोर्फो-सफरन और एक्सेंचर सर्विस।

न्यूज़क्लिक की खबर के मुताबिक, आधार की सुरक्षा देखने वाली कंपनियों का सम्बन्ध कैम्ब्रिज एनालिटिका से है। इन कंपनियों का सम्बन्ध अमेरिका के रक्षा विभाग से भी है। इसके अलावा पलांटिर टेक्नोलॉजीज से भी इन कंपनियों का सम्बन्ध है। ये कंपनी अपनी सेवाएँ अमेरिकी रक्षा विभाग और सीआईए (CIA) को दे चुकी है।

मतलब ये संभव है कि आधार की जानकारी कैम्ब्रिज एनालिटिका और अमेरिकी रक्षा विभाग दोनों के पास जा सकती है। आधार की जानकारी इतनी संवेदनशील है कि इसका दूसरे देश की ऐजेंसियों के पास जाना भारतीयों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। क्योंकि आधार को इस समय मोबाइल से लेकर लोगों के बैंक खातों तक जोड़ा जा रहा है।

वैसे तो मोदी सरकार आधार की सुरक्षा को लेकर कई दावे कर चुकी है लेकिन आधार की सुरक्षा में कई बार सेंध लग चुकी है। यहाँ तक कि 210 सरकारी वेबसाइट ही आधार का डाटा लीक कर चुकी हैं।

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