गृह मंत्रालय की सिफारिश के बाद दिल्ली में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत अन्य मंत्रियों के लिए नियुक्त 9 सलाहकारों को उनके पद से हटा दिया गया है। इनमें आतिशी मार्लेना और राघव चड्ढा जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं।
इसपर मनीष सिसोदिया ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने ट्वीट के ज़रिए कहा कि सलाहकारों को पदों से हटाने का आदेश दिल्ली में शिक्षा क्रांति को भटकाने की साजिश है। इस आदेश की मंशा हमारी सरकार के काम को कमज़ोर बनाना है, क्योंकि कोई भी बीजेपी सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य पर कुछ भी देने में सक्षम नहीं रही है।
सिसोदिया ने कहा कि उन्हें मोदी सरकार के इस फ़ैसले पर कोई हैरानी नहीं। उन्होंने बताया कि आतिशी मार्लेना, जिन्हें पद से हटाया गया है, वो एक स्टेफेनियन हैं जो बाद में ऑक्सफ़ोर्ड में पढ़ीं, फिर रोड्स के स्कॉलर के रूप में काम किया, और फिर सलाहकार के रूप में दिल्ली शिक्षा सरकार में शामिल हो गईं। वह पिछले 3 सालों से मेरे साथ एक रुपए प्रति माह वेतन पर काम कर रही थी।
सिसोदिया ने अपने सलाहकारों की तुलना बीजेपी के सलाहकारों से करते हुए कहा कि बीजेपी भारी वेतन पर बाबाओं को सलाहकार बनाती है जो नफ़रत और हिंसा फैलाते हैं। हमारे सलाहकार शिक्षा और स्वास्थ्य में उत्कृष्टता रखते हैं। अगर बीजेपी चाहे तो वो हमारी सरकार से स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, जल, समाज कल्याण आदि पर भारत में अपनी किसी भी सरकार की तुलना कर सकती है।