वर्तमान दौर में मीडिया में दो सामानांतर खबरें एक साथ में चलाई जा रही हैं। एक तो वो खबर है जो वाकई में ‘खबर’ है और दूसरी वो खबर है जो प्रायोजित है यानि मुख्य और जरुरी ‘खबर’ को दबाने के लिए सरकार और मीडिया द्वारा गढ़ा गया प्रोपेगेंडा।

ताकि मुख्य खबर से लोगों का ध्यान हट जाए और मोदी सरकार पर कोई उंगली ना उठा सके। जैसे इराक के मोसुल में मारे गए 39 भारतीयों की खबर को दबाने के लिए डेटा लीक की खबर को बढ़ चढ़कर दिखाया गया।

महत्वपूर्ण सूचनाओं के लीक होने के मामले में मोदी सरकार को घिरता देख उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर का नाम बदलकर ‘डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर’ करने का नया फरमान सुनाया है।

सरकार ने सभी विभागों को जरूरी बदलावों के निर्दश भी दे दिए हैं, जिसके बाद आधिकारिक रूप से बाबा साहब का नाम बदलकर डॉ। भीमराव रामजी अंबेडकर हो जाएगा।

दरअसल, इस समय सीबीएसई की 10वीं और 12वीं के पेपर लीक होने से देशभर के 28 लाख बच्चे प्रभावित हुए हैं लेकिन गोदी मीडिया डॉ अंबेडकर के नाम बदले जाने को लेकर बहस कर रहा है। राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट करते हुए इस बात को उठाया कि गोदी मीडिया असल मुद्दों पर बात ना करके देश ले लोगों को गुमराह कर रहा है।

संजय सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा कि ” मीडिया ऐसे मानसिक दिवालियेपन के दौर से गुज़रेगा देख कर अफ़सोस होता है, CBSE पेपर लीक से लाखों छात्रों का भविष्य बर्बाद हो गया, लेकिन गोदी मीडिया अभी भी नक़ली बहस छेड़कर ध्यान बाँटने में जुटी है।“

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