देश में हालात नाज़ुक होते जा रहे हैं। कहीं बाबा आंबेडकर तो कहीं रूसी नायक लेनिन की मूर्तियां गिरा दी जा रही हैं।

बीते रोज दक्षिण त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति बुल्डोजर लगाकर गिरा दी गई। सत्ता बदलते ही भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इस अराज़कता को अंजाम दिया।

लेनिन को शहीद-ए-आज़म भगत सिंह पढ़ा करते थे। फांसी के दिन भी भगत सिंह लेनिन को पढ़ रहे थे।

रूसी नायक लेनिन की मूर्ति त्रिपुरा में लगी थी। जिसे सत्ता बदलते ही ढ़हा दिया गया।

काल्किपीठ के आचार्य प्रमोद कृष्णन ने सवाल उठाते हुए कहा कि, त्रिपुरा में आज “लेनिन” की मूर्ति “ढहा” दी गयी,कल “अम्बेडकर” परसों “भगत सिंह” फिर “नेहरु” और बाद में “गांधी” की गिराओगे, लेकिन ये तो बताओ, इस “देश” को कहाँ ले जाओगे।

1000 साल तक लगातार “विदेशी” हुकूमत रहने के बाद भी, भारतीय संस्कृति और भारत भूमि नहीं बदली, तो फिर आज एक “फ़ैसले” की वजह से ये देश ‘सीरिया’ कैसे बन सकता है।

सीरिया वाला बयान आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर ने दिया है। जो काफी विवाद खड़े कर रहा है।

आपको बता दें कि, श्री श्री रविशंकर ने भारत के सीरिया बन जाने की बात कही है। जो काफी शर्मनाक बताई जा रही है।

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