जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले की आशंका जताई गई है, जिसके चलते राज्य सरकार ने ए़़डवाइजरी जारी कर अमरनाथ यात्रा पर फिलहाल रोक लगा दी है और यात्रियों को वापस जाने की हिदायत दी है।
जम्मू-कश्मीर सरकार के गृह विभाग की ओर से जारी सुरक्षा एडवाइजरी में कहा गया है कि अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमलों के इनपुट मिलने और कश्मीर की सुरक्षा बढ़ाने के मकसद से अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए घाटी में तत्काल प्रभाव से सभी तरह की यात्रा पर रोक लगाई जा रही है। अमरनाथ यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी यात्रा को तुरंत खत्म करें और जितनी जल्दी हो सके घाटी को छोड़ दें।
दरअसल, सुरक्षा बलों को अमरनाथ यात्रा के रूट पर सर्च ऑपरेशन के दौरान स्नाइपर राइफल मिली है, जिसके बाद यात्रा रोकने का फैसला किया गया। लेकिन सवाल ये है कि आतंकवाद की कमर तोड़ देने का दावा करने वाली सरकार क्या घाटी में सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम है, जो उसे तीर्थ यात्रा पर रोक लगाने की एडवाइजरी जारी करनी पड़ रही है।
सरकार की इस एडवाइजरी ने ये स्पष्ट कर दिया है कि घाटी में सुरक्षा व्यवस्था के पुख़्ता इंतेज़ाम नहीं हैं, जिसको लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। पूर्व आईएएस और जेके पीपुल्स मूवमेंट के नेता शाह फैसल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने सुरक्षा कारणों से पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों को तत्काल प्रभाव से कश्मीर छोड़ने को कहा है। क्या सरकार स्थानीय लोगों के लिए भी इस तरह की एडवाइजरी जारी करेगी। क्या कश्मीरियों को भी दूसरी जगह विस्थापित होना चाहिए या उनकी जिंदगी के कोई मायने नहीं हैं।
JK Govt has asked Tourists and Amarnath Yatris to leave Kashmir immediately in view of a security threat.
Is the Government considering any such advisory for locals also?
Should Kashmiris also migrate to other places or is it that our lives do not matter? pic.twitter.com/Tb5SHxK4o5
— Shah Faesal (@shahfaesal) August 2, 2019
अमरनाथ यात्रा को बीच में “रोकना” करोड़ों हिंदुओं की “आस्था”
का अपमान है,अगर ये फ़ैसला कांग्रेस की सरकार ने लिया होता तो………………?— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) August 3, 2019
वहीं अमरनाथ यात्रा को बीच में रोके जाने पर भी लोग ऐतराज़ जता रहे हैं। आध्यात्मिक गुरु एवं कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट कर कहा, “अमरनाथ यात्रा को बीच में “रोकना” करोड़ों हिंदुओं की “आस्था” का अपमान है, अगर ये फ़ैसला कांग्रेस की सरकार ने लिया होता तो………………?”