मोदी सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह का बयान काफी सुर्खियों में है। बिहार की अररिया लोकसभा उपचुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद गिरिराज सिंह ने अररिया को आतंकवादियों का गढ़ बता दिया था।
गिरिराज सिंह ने हार के बाद कहा कि, अररिया सीट राजद की झोली में आने के बाद बयान देते हुए कहा कि अररिया सीमावर्ती इलाका नहीं है, केवल नेपाल और बंगाल से जुदा नहीं है।
एक कट्टरपंथी विचारधारा को उन्होंने जन्म दिया है, ये बिहार के लिए खतरा है इस देश के लिए खतरा होगा और वो आतंकवादियों को गढ़ बनेगा।
जिसके जवाब में तमाम लोग गिरिराज के बयान की निंदा कर रहे है। वही इसपर सामजिक कार्यकर्ता आचार्य प्रमोद ने ट्वीट करते हुए लिखा कि अररिया में उन्हें “आतंकवाद” दिखायी देता है, जो ख़ुद “आतंकवादी” हैं।
गिरिराज सिंह अपने भड़काऊ भाषण के लिए तो जाने जाते थे मगर गिरिराज का ये बयान लोकतंत्र का अपमान है।
वो ये कैसे कह सकते है की अररिया एक आतंकवादी गढ़ बनेगा जबकि राज्य और केंद्र दोनों ही जगह उनकी सरकार है क्या कोई आतंकियों का गढ़ बनेगा और वो चुप रहेंगे? इस तरह का बयान देना जनता के मतों का अपमान करना है।