तस्वीर- आजमगढ़ में दलित परिवार की हत्या
तस्वीर- आजमगढ़ में दलित परिवार की हत्या

बोलता उत्तर प्रदेश : (लखनऊ) पी की यूपी नंबर वन शासन व्यवस्था के नारे को बदलकर क्या यूपी जंगलराज का नारा दे देना चाहिए? जी हाँ यूपी दलितों के लिए अभिशाप साबित हो रहा है, यूपी में निरंतर एक के बाद एक दलित परिवारों (Dalit Family) की निर्दयता से हत्या हो रही है.

प्रयागराज के बाद हत्या की नई घटना आजमगढ़ में देखने को मिली है. तरवा थाना स्थित चिथऊपुर गाँव में लेखपाल दंपत्ति को अज्ञात हमलावरों ने धारदार हथियार से नृशंस हत्या (Murder) कर दी है. घटना को संज्ञान में लेकर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज (FIR) कर छानबीन शुरू कर दी है.

सवाल यह उठता है कि दिन रात बीजेपी बेहतर कानून व्यवथा (Law in Order) का हवाला देकर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh से गुंडा माफियाओं के खात्मे की बात करती है, बीजेपी कहती है हमने माफियाओं (Mafiya) के विरुध कठोर कार्यवाही की है, यूपी में ठोक दो नीति के तहत बहुत से इनकाउंटर (Incounter) हुए. जिससे घबराकर माफियाओं ने प्रदेश छोड़ दिया.

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बावजूद इसके प्रदेश में आये दिन सामूहिक हत्याओं के साथ बलात्कार जैसी गंभीर घटनाएँ सामने आ रही हैं. हाल ही में प्रयागराज के फाफामऊ क्षेत्र में एक दलित परिवार के चार सदस्यों की कुल्हाड़ी से नृशंस हत्या के साथ महिलाओं से बलात्कार की घटना आई थी.

इस घटना के बाद बहुजन समाज पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर बयान दिया कि यूपी में प्रयागराज के बाद, अब आजमगढ़ में भी दलित पति-पत्नी की कल रात गला काटकर हत्या कर देने की घटना अति दुखद एवं अति निंदनीय है.

दलितों पर आये दिन हो रहे ऐसे अत्याचारों को सरकार तुरंत सख्ती से रोके और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाई की मांग मायावती (Mayawati) ने ट्वीट कर की.

इस घटना पर आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद (Chandra Shekhar Aazad) ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ को प्रतिदिन चरितार्थ करती योगी सरकार, आजमगढ़ में एक दलित लेखपाल (Lekhpal) और उनकी पत्नी की गला रेतकर हत्या कर दी गई. प्रयागराज के बाद हफ्ते भर में यह दूसरी वीभत्स घटना है. सीएम झूठी कानून व्यवस्था का दंभ भरते हैं जबकि सच यह है कि दलितों के लिए यूपी कब्रगाह बन चुका है.

प्रयागराज, आजमगढ़ में दलित परिवारों की हत्या के साथ गोरखपुर में कानपूर के व्यापारी की पीट-पीटकर पुलिस द्वारा हत्या, पुलिस अधिकारीयों से तंग आकर अयोध्या में एक महिला का ख़ुदकुशी करना, कानपूर और हाथरस जैसी घटनाओं को देखकर ये तो बिलकुल नहीं कहा जा सकता कि उत्तर प्रदेश गुंडों और माफियाओं से मुक्त हो गया है.

बल्कि कुछ ऐसी हत्याएं भी हुईं हैं जिसमें पुलिस प्रशासन की संलिप्तता भी सामने आई है, ऐसी घटनाओं के मद्देनज़र गृहमंत्री अमित शाह के लखनऊ में दिए उस भाषण पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं जिसमें उन्होंने कहा कि यूपी में दूरबीन लगाकर ढूंढने से भी माफिया नज़र नहीं आते.

 

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