न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर ने एक फिर से न्यायपालिका और मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा को लेकर बयान दिया है। शनिवार को चेलमेश्वर ने कहा कि महाभियोग हर सवाल या समस्या का जवाब नहीं हो सकता और प्रणाली को दुरुस्त किए जाने की ज़रूरत है।

बता दें, कि जस्टिस चेलमेश्वर ने तीन अन्य न्यायधीशों के साथ 12 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेस कर न्यायपालिका में सब कुछ सही न चलने का सवाल उठाया था। ये भारत के इतिहास में पहली बार था जब सुप्रीम कोर्ट के जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेस की हो।

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह अपनी सेवानिवृत्ति के बाद सरकार से कोई नियुक्ति नहीं मांगेंगे। लोकतंत्र में न्यायपालिका की भूमिका विषय पर बात करते हुए न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने पीठों के गठन और विभिन्न न्यायाधीशों को मामलों के आवंटन में सीजेआई की प्राथमिकता पर पूछे गए सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने हारवर्ड क्लब इंडिया द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यह सब कहा।

उन्होंने कहा, ‘सीजेआई मास्टर ऑफ रोस्टर हैं। बेशक, सीजेआई के पास यह शक्ति है। सीजेआई के पास पीठें गठित करने की शक्ति है लेकिन संवैधानिक प्रणाली के तहत हर अधिकार के साथ कुछ खास जिम्मेदारियां हैं।’यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि पीठों का गठन और मामलों का आवंटन मनमाने तरीके से नहीं किया जाना चाहिए, उन्होंने इसका सकारात्मक जवाब दिया।

इसी बीच उन्होंने एक बड़ा बयान भी दिया। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें आशंका है कि न्यायमूर्ति गोगोई (जो नवंबर 2017 में सीजेआई को लिखे पत्र का हिस्सा थे) को अगले सीजेआई के रूप में पदोन्न्त नहीं किया जाएगा?

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने कहा कि उन्हें आशा है कि ऐसा नहीं होगा और यदि ऐसा होता है तो यह साबित हो जाएगा कि 12 जनवरी के संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने जो कहा था वह सही था।

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