साल 2016 रात के 8 बजे का वक़्त था भारत की आधी आबादी या तो सोने जा रही या काम से घर ही लौटी थी। तभी टीवी पर देश के प्रधानमंत्री मोदी अवतरित हुए और उन्होंने 1000 और 500 को बैन कर दिया। पीएम मोदी ने नोटबंदी करने की वजह कई बताई जिसमें सबसे पहला कारण था कालेधन और आतंकवाद की कमर तोड़ना। मगर अब तीन साल बाद RBI ने साफ़ कर दिया है कि नोटबंदी के बाद से नकली नोटों की संख्या 10 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।
रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस सिलसिले में बकायदा एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें नोटबंदी के ठीक बाद यानी साल 2017-18 और 2018-19 में नकली नोटों संख्या बताई गई है। रिपोर्ट कहा गया है कि नोटबंदी के बाद से साल 2016-17 से लेकर 2018-19 के बीच भारतीय मुद्रा का रूप पूरी तरह से तो बदल दिया गया है। मगर फिर भी आतंकवाद की कमर तोड़ने वाली जाली नोटों में इजाफा हो जा रहा है।
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रिज़र्व बैंक की तरफ से जारी की रिपोर्ट में जिन नकली नोटों की संख्या बताई है उनमें सबसे ज्यादा 10, 20 और 50 के नोट शामिल है। रिपोर्ट कहती है कि महज एक साल में 10 की नकली नोट में 20.2% का इजाफा हुआ वहीं 20 की नोट में 87.2%, और 50 रुपये के जाली नोट 57.3% बढ़ोतरी हुई है। जो दो साल पहले छोटी करेंसी में नकली नोटों की संख्या चार गुना तक बढ़ चुकी है।
ऐसा नहीं है कि नकली नोट के फलते फूलते कारोबार में सिर्फ 10, 20 और 50 के नोट शामिल है। 100,200, 500 और 2000 की जाली नोटो में काफी इजाफा हुआ है। साल वर्ष 2017 में बैंकों ने 50 रुपये के 9222 नोट नकली पकड़े थे लेकिन अगले साल यानी की 2019 में ये संख्या बढ़कर 36875 हो गई।
इसमें अच्छी खबर ये है कि 100 की नकली नोट में 7.5% की कमी दर्ज की गई है जो नोटबंदी में सुरक्षति थी। मगर इस कमी बावजूद भी एक साल में 2.20 लाख नकली नोट सौ के ही पकड़े गए है। जिससे कम से ये साफ़ होता है कि बाज़ार में इस वक़्त अभी भी 100 के नकली नोट ज्यादा है।
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वहीं अगर रंग बिरंगी वाली 200 की नकली नोट की बात करें तो इसमें 160 गुना का इजाफा दर्ज किया गया है। जबकि साल 2018 में 200 रुपये के 79 जाली नोट पकड़े गए थे, जबकि इस साल 200 नोट नकली नोट की संख्या 12,728 हो गई।
दूसरी 500 की रंग बिरंगी नोट नकली नोटों में 121 फीसदी बढ़े है। जबकि साल 2016-17 में 500 के जाली नोट केवल 199 मिले थे। जो अगले वित्त वर्ष 2018-19 में यह संख्या 22 हजार पहुंच गई। वहीं 2000 की नकली नोट की 22 फीसदी बढ़े है।