साल 2019 में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद कौशल किशोर रावत की पत्नी और उनके परिवार ने बीते काफी समय से योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है।

शहीद के परिवार द्वारा आरोप लगाए गए हैं कि सरकार ने शहीदों के नाम पर जो पैसे इकट्ठे किए वो अभी तक उनके परिवार को नहीं दिए गए हैं।

शहीद कौशल किशोर रावत की पत्नी और उनके बेटे ने प्रशासन पर उन्हें नजरबंद करने के आरोप लगाए हैं।

उनका कहना है कि उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात नहीं करने दी गई। पुलिस ने उन्हें प्रशासन के इशारे पर काफी वक्त तक जबरदस्ती बिठाए रखा।

योगी सरकार द्वारा की गई इस हरकत की समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आलोचना की है।

इस संदर्भ में उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “अगस्त क्रांति दिवस के एक दिन पूर्व आगरा में पुलवामा के अमर शहीद की पत्नी व बेटे को, शहीदों के लिए की गयी घोषणाओं की पूर्ति की माँग करने के लिए, मुख्यमंत्री से मिलने न देकर थाने भेज देना अति निंदनीय घटना है। भाजपाइयों ने कभी शहादत नहीं दी, वो शहीदों का सम्मान करना क्या जानें।”

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे पर योगी सरकार को घेरा है।

आपको बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए कौशल किशोर रावत की पत्नी बीते दिनों धरने पर बैठी थी।

शहीद की पत्नी का कहना है कि परिवार की आर्थिक सहायता के लिए पुलिस शिक्षा विभाग और विकास कर्मियों के एक-एक दिन के वेतन लेकर मुख्यमंत्री राहत कोष में भेज दिया गया। वहां से आजतक ये पैसा शहीद के परिवार को नहीं मिला।

शहीद के परिवार द्वारा कुछ अन्य मांगे भी की गई थी। जिनमें शहीद के नाम पर गांव की सड़क और स्कूल का नाम ना रखे जाना शामिल था।

इसके अलावा सरकार ने परिवार को जमीन देने का वादा भी किया था। जिसे पूरा नहीं किया गया। लेकिन 3 जुलाई को प्रशासन द्वारा इन मांगों को मानने पर शहीद के परिवार ने धरना खत्म कर दिया था।

इसके बावजूद आज शहीद के परिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने नहीं दिया गया।

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