केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार साल 2014 में देश की जनता से कई बड़े वादे किए गए थे। इस कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे प्रोग्राम शुरू किए थे।

जिसकी सच्चाई जनता के सामने आ चुकी हैं। डिजिटल इंडिया के तहत भाजपा ने हेराफेरी के जरिये यूपी चुनाव जीतने की जमीन तैयार करना शुरू कर दिया है। डिजिटल इंडिया के नाम पर स्कैम को अंजाम दिया जा रहा है।

दरअसल खबर सामने आई है कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से एक युवक को गिरफ्तार किया गया है।

जिस पर चुनाव आयोग की वेबसाइट हैक करने के आरोप लगे हैं। आरोपी का नाम विपुल सैनी बताया जाता है।

जिसकी कंप्यूटर की दुकान है। जोकि किसान परिवार से ताल्लुक रखता है। खबर के मुताबिक, विपुल सैनी ने अपने कंप्यूटर की दुकान में हजारों की संख्या में वोटर कार्ड बना डाले हैं।

इस मामले में सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया है कि विपुल सैनी चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उस पासवर्ड से लॉगिन कर लोगों के वोटर कार्ड बना रहा था। जिसका इस्तेमाल सिर्फ चुनाव आयोग के अधिकारी करते हैं।

इस संदर्भ में साइबर सेल और सहारनपुर क्राइम ब्रांच के संयुक्त जांच टीम ने जांच कर विपुल सैनी के बैंक अकाउंट में 60 लाख पाए जाने की बात कही है।

अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि विपुल सैनी के बैंक अकाउंट में इतनी बड़ी रकम कहां से आई है। लेकिन विपुल सैनी के बैंक अकाउंट पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। बताया जाता है कि विपुल सैनी मध्यप्रदेश के हरदा निवासी अरमान मलिक के इशारे पर यह काम कर रहा था।

वहीं इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लिखा- ‘उप्र चुनाव आयोग की वेबसाइट में एक नवयुवक द्वारा ‘डिजिटल सेंधमारी’ करके नक़ली वोटर आईडी कार्ड बनाए जाने की ख़बर बेहद गंभीर है।

ऐसे घपलों के लिए पूरे राज्य में जाँच हो, पता तो चले कहीं इसे राज्याश्रय तो प्राप्त नहीं है। ये चुनाव आयोग की सुरक्षा ही नहीं बल्कि गरिमा का भी सवाल है।’

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में जल्दी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच आरोप- प्रत्यारोप का दौर शुरू गया-है। ऐसे में इस तरह की खबर ने भाजपा की परेशानी बढ़ाने का काम किया है।

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