उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव भले ही आगामी वर्ष 2022 में हों, मगर उसके लिए तैयारियां अभी से शुरु हो चुकी हैं। इस दौरान सभी दल सबसे आगे होने का दावा कर रहे हैं।
ऐसे में अगर किसी विपक्षी दल का बड़ा नेता किसी दूसरे दल के नेता पर विश्वास जता दे तो भावुक हो जाना स्वाभाविक है।
कुछ ऐसी ही भावुकता दिखाई दी अखिलेश यादव द्वारा सुखदेव राजभर को लिखे गए पत्र में, जिसमें वो न सिर्फ उनके बेटे और समर्थकों का पार्टी में स्वागत कर रहे हैं बल्कि उनकी अनुभवी राजनीति की तारीफ कर रहे हैं।
समाजवादी पार्टी की तरफ से पत्र जारी करते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लिखा-
“आदरणीय सुखदेव राजभर जी, आपका पत्र प्राप्त हुआ जिसको हमने पढ़ लिया है। आपको हार्दिक धन्यवाद। आपके पत्र में व्यक्त की गई सामाजिक चिंता और पीड़ा से मैं स्वयं को सम्बद्ध करता हूं। आपको सड़क से लेकर सदन तक लंबा राजनीतिक अनुभव है। आपने सदैव शालीनता से गरीब, पीड़ित, वंचित और पिछड़ों के हक की आवाज़ बुलंद की है।
आपके द्वारा शोषित, वंचित, दलित, पिछड़े समाज को हक दिलाने के लिए जो समाजवादी नेतृत्व पर विश्वास किया गया है, उससे मैं अभिभूत हूँ।
समाजवादी पार्टी इस सामाजिक न्याय और लोकतंत्र की राजनैतिक और सामाजिक लड़ाई को अपने शिखर पर ले जाने का सतत प्रयास करती रहेगी।
समाजवादी पार्टी में आपके पुत्र और समर्थकों का स्वागत है। आप स्वास्थ्य दीर्घायु और सुखी रहें, यही मेरी ईश्वर से प्रार्थना है।”
फोन कॉल के जमाने में भी पत्र के जरिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के पीछे एक वजह ये भी मानी जा रही है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस दस्तावेज़ को न सिर्फ सहेजना चाह रहे हैं बल्कि आमजन में संदेश देना चाह रहे हैं कि उनके मन में अति पिछड़ा समाज के लिए और अति पिछड़ा समाज के नेताओं में उनके लिए क्या भावना है।
गौरतलब है कि अति-पिछड़ा समाज में दोबारा पैठ करने के लिए समाजवादी पार्टी तमाम वो जतन कर रही है जिससे संदेश जाए कि सपा सभी जातियों को प्रतिनिधित्व देने के लिए प्रतिबद्ध है।
उसकी इस प्रतिबध्दता का सबसे बड़ा उदाहरण है ‘जातिवार जनगणना’ की मांग करना, जिससे वास्तविक संख्या पता चलने पर सबसे ज्यादा फायदा अति पिछड़े समाज को होगा।
इन कोशिशों से समाजवादी पार्टी को चुनावी फायदा होगा या नहीं, इसका सही पता 2022 में लगेगा मगर इससे पिछड़े समाज का बड़ा फायदा होना तय है।