जैसे जैसे विधानसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं, वैसे वैसे यूपी में अब सियासी बयानबाजी का दौर तेज होता जा रहा है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अब उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार के कुछ ही दिन शेष बचे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सरकार से नियंत्रण समाप्त होता जा रहा है।
अखिलेश ने कहा कि पूरा देश कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है लेकिन उत्तर प्रदेश कोरोना संक्रमण के साथ साथ राजनीतिक संक्रमण से भी जूझ रहा है।
नरेंद्र मोदी और सीएम योगी के बीच बढ़ते जा रहे मतभेद की खबरों के बीच अखिलेश ने कहा कि जिस तरह से लखनऊ और दिल्ली के बीच तनातनी दिखाई दे रही है वो अगले संकट की ओर इशारा कर रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी के प्रशासनिक अधिकारी मुख्यमंत्री को सच्चाई से रुबरु नहीं कराते क्योंकि उन्हें पता है कि इसका कोई फायदा नहीं है।
यूपी में भाजपा के विरोध में समाजवादी पार्टी के पक्ष में लहर चल रही है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की सरकार तय है।
कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों में हेराफेरी का आरोप लगाते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि सरकार द्वारा आंकड़ों में हेराफेरी की जा रही है।
सरकार भले ही यह दिखाने की कोशिश करे कि कोरोना संक्रमण खत्म हो गया है लेकिन अभी भी अस्पतालों में कोरोना मरीजों की संख्या कम नहीं है। अस्पताल में अब भी कोरोना मरीज भर्ती हैं।
अखिलेश ने दावा किया कि बहुत सारे कोरोना संक्रमित अभी अपने घरों में हैं। उन्होंने कहा कि पीजीआई की सर्वे रिपोर्ट से मालूम चला है कि अब भी 80 प्रतिशत मरीजों के साइनस पर फंगस हमला कर रहा है।
अखिलेश यादव द्वारा भाजपा सरकार के पतन की बात अनायास नहीं है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और यूपी के सीएम के बीच मतभेद की खबरें अब सार्वजनिक हो चुकी है। बदलाव की आहट तेज हो चुकी हैं। भाजपा में मतभेद अपने चरम पर है।
पीएम मोदी ने सीएम योगी को जन्मदिन की बधाई नहीं देकर एक तरह से उन्हें अपमानित करने का प्रयास किया। वहीं इससे इतर यूपी में बदलाव की बयार देखी जा रही है। सत्ता विरोधी लहर तेज है।
पंचायत चुनाव में भाजपा की पराजय और समाजवादी पार्टी की जीत बताती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब हवा का रुख किस ओर है।