अखिलेश यादव और ओम प्रकाश राजभर के जनसभा की तस्वीर
अखिलेश यादव और ओम प्रकाश राजभर के जनसभा की तस्वीर

बोलता उत्तर प्रदेश ( लखनऊ) : उत्तर प्रदेश का सियासी पारा दिन प्रतिदिन राजनीतिक बयानों से चढ़ता जा रहा है। कभी सत्ताधारी तो कभी विपक्षी नेताओं के बयान चर्चा का विषय बन रहे हैं.

गोरखपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi) के लाल टोपी (Laal Topi) पर दिए बयान की काफी चर्चा हो रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने गोरखपुर ( Gorakhpur) में एम्स सहित कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करते समय समाजवादी पार्टी पर हमले बोले।

उन्होंने कहा कि लाल टोपी वालों को सरकार बनानी है, आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने के लिए, आतंकियों को जेल से छुड़ाने के लिए, और इसलिए याद रखिए, लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं यानि खतरे की घंटी.

प्रधानमंत्री की इस भाषा पर तमाम लोगों ने सवाल भी उठाए हैं। प्रधानमंत्री को ऐसी भाषा का इस्तेमाल किसी सरकारी प्रोग्राम में करना शोभा नहीं देता है।

लेकिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लाल टोपी वाले बयान पर भाजपा पर सवाल खड़ा किया है कि भाजपा का खून लाल रंग का नहीं है क्या? अखिलेश ने लाल रंग को सद्भाव, धार्मिक और क्रांति का रंग बताया।

हालांकि अखिलेश यादव लगातार भाजपा वालों को लाल-पीला होने पर तंज कसते आ रहे हैं। जबसे पूर्वांचल के कद्दावर नेता ओमप्रकाश राजभर से समाजवादी पार्टी का गठबंधन हुआ है तब से अखिलेश यादव बार-बार भाजपा नेताओं के लाल-पीले होने की बात कह रहे हैं।

सबसे पहले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 19वें स्थापना दिवस पर मऊ में आयोजित जनसभा में अखिलेश यादव ने कहा था कि आज दिल्ली-लखनऊ में बैठे लोग इस लाल-पीले गठबंधन की रैली में आई भीड़ को देखकर लाल-पीले हो रहे होंगे.

फिर उसके बाद हरदोई के संडीला अर्कवंशी समाज की जनसभा में अखिलेश यादव ने यह बात कही थी। बार-बार अखिलेश यादव ने भाजपा नेताओं के लाल-पीले होने की बात बोली।

प्रधानमंत्री मोदी के गोरखपुर में दिए लाल टोपी वाले बयान को क्या इसी की हताशा से जोड़कर देखना चाहिए? क्या प्रधानमंत्री भी अखिलेश यादव और उनके सहयोगियों की जनसभाओं में उमड़ रही भीड़ से हताश हैं?

साथ ही सपा और उसके सहयोगी दलों की जनसभाओं की भीड़ देखकर भाजपा के नेताओं के सांप्रदायिक बयान भी आने लगे हैं. लेकिन विपक्ष शिक्षा, रोजगार, नौकरी, किसान जैसे तमाम मुद्दों पर जवाब मांग रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here