उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की छवि को खराब करने के लिए उनके नाम से फर्जी ट्वीट किए जाने का मामला सामने आया है।

बताया जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम से बाबरी मस्जिद को लेकर ट्विटर पर एक फर्जी बयान दिया गया था। जिसकी जानकारी लगते ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने गौतमपल्ली थाने में इसकी तहरीर दी।

सबूत के तौर पर सपा नेता नरेश उत्तम पटेल ने ट्वीट करने वाले 10 लोगों का स्क्रीनशॉट पुलिस के समक्ष पेश किया।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे अखिलेश यादव के नाम से किए गए फर्जी ट्वीट के स्क्रीनशॉट में लिखा है कि उत्तर प्रदेश में अगर हमारी सरकार बनेगी।

तो हम अपने मुस्लिम भाइयों से यह वादा करते हैं कि बाबरी मस्जिद का निर्माण उसी स्थान पर करवाएंगे जहां पर आज राम मंदिर का निर्माण हो रहा है।

बताया जाता है कि पुलिस ने मामला दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी है। वहीं गौतमपल्ली थाना प्रभारी निरीक्षक रत्नेश कुमार सिंह ने बताया है कि सपा नेता की तहरीर पर अज्ञात ट्विटर यूजर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

तहरीर के मुताबिक, 22 जुलाई को सोशल मीडिया के जरिए जानकारी हुई कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ साजिश करने के मकसद से उनके नाम से ट्विटर पर झूठा बयान डाला गया था।

इस मामले में समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर जानकारी साँझा की है। इस फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि “पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव के नाम से फर्जी ट्वीटर अकाउंट बनाकर नफरत फैलाने वालों के खिलाफ प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने दर्ज कराया मुकदमा।

सत्ता के संरक्षण में चल रहा है बदनाम करने और शांति व्यवस्था बिगाड़ने का खेल।”

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच कड़ी टक्कर तय माना जा रहा है।

ऐसे में चुनाव से पहले अखिलेश यादव की छवि खराब करने की साजिश रची जा रही है।

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