सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक आपत्तिजनक पोस्टर वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि ये पोस्टर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में लगा है, लेकिन अलीगढ़ पुलिस ने इन दावों का खंडन किया है।

पुलिस की जांच में पता चला है कि ये पोस्टर दूसरे देश में किए गए एक विरोध प्रदर्शन का है, जिसका एएमयू से कोई संबंध नहीं है। दरअसल, पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर पीएम मोदी का एक वीभत्स पोस्टर दिखाई दे रहा है। पोस्टर में पीएम मोदी को ‘द ड्रैकुला ऑफ कश्मीर’ के रूप में दर्शाया गया है।

इस पोस्टर को लेकर बीजेपी समर्थक कई यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि ये पोस्टर एएमयू का है। इन यूज़र्स की मांग है कि पोस्टर लगाने वाले एएमयू के छात्रों को पुलिस गिरफ्तार करे। दिल्ली में रह रहे एएमयू के ही पूर्व छात्र राजेश्वर सिंह ने एएमयू कैंपस में आपत्तिजनक पोस्टर लगने की शिकायत ट्विटर पर अलीगढ़ पुलिस एवं एसएसपी से की। जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरु की।

जब पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि ये पोस्टर लंदन का है, जिसे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध करने वाले लोगों की तरफ़ से लगाया गया था। पुलिस जांच से ये बात सामने आई कि पीएम मोदी के अपमान वाला पोस्टर एएमयू में नहीं लगाया गया था।

सोशल मीडिया पर इस पोस्टर को लेकर जो दावे किए गए वह ग़लत थे। ये दावे सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने और एएमयू को बदनाम करने के लिए के लिए किए गए। लेकिन पुलिस जांच ने नफरत फैलाने वालों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

अलीगढ़ पुलिस ने इस वायरल का सच सोशल मीडिया के ज़रिए भी लोगों को दिया। साथ ही कहा कि पोस्ट वायरल कर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अभी तक पुलिस ने इस मामले में किसी के खिलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की है।

फोटो साभार- ऑल्ट न्यूज़

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