तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल ने बेशर्मी से महिला पत्रकार का गाल सहलाया तो इस मामले से राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज हो गई है।

इस मामले पर आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा ने सोशल मीडिया पर लिखा- समय है राजभवन से उठा कर बाहर फैंकने का। महिलाओं को मज़ाक समझ रखा है। थोड़ी भी शर्म बची हो तो ऐसे राज्यपालों को तुरंत वापस बुलाना चाहिए।

दरअसल एक महिला पत्रकार ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने उनकी सहमति बिना उनका गाल सहलाना शुरू कर दिया। ऐसा तब हुआ जब महिला पत्रकार ने राज्यपाल से एक महिला असिस्टेंट प्रोफेसर के एक ऑडियो टेप के बारे में पूछा।

इस ऑडियो टेप में महिला प्रोफेसर छात्राओं से अच्छे अंक पाने के लिए प्रोफेसरों के लिए सेक्सुअल फेवर देने की बात कह रही थी। राज्यपाल इस ऑडियो के जवाब में महिला पत्रकार का गाल सहलाने लगे। इस घटना को लेकर विवाद हो गया है।

तमिलनाडु में विपक्षी दल द्रमुक ने घटना को संवैधानिक पद पर बैठे एक व्यक्ति का ‘अशोभनीय’ कृत्य करार दिया है। द्रमुक की राज्यसभा सदस्य कनिमोझी ने ट्वीट किया कि, ‘अगर संदेह न भी किया जाए तब भी संवैधानिक पद पर बैठे एक व्यक्ति को इसकी मर्यादा समझनी चाहिए। एक महिला पत्रकार को छूकर गरिमा का परिचय नहीं दिया है।

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