बीजेपी के 38वें स्थापना दिवस के मौके पर भाषण देते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कुछ ऐसा कह दिया जिससे विवाद शुरू हो गया है। दरअसल शाह ने विरोध करने वालों की तुलना कुत्ते-बिल्ली से कर दी थी।

अमित शाह ने पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता की तुलना बाढ़ से करते हुए कहा कि उनके आगे सब पेड़ गिर गए हैं।

उन्होंने कहा कि ‘पूरा विपक्ष एक साथ आने की बात कर रहा है। जब बाढ़ आती है तो सब वृक्ष खत्म हो जाते हैं और एक वट वृक्ष बचता है। उसमें ही नेवला, सांप, बिल्ली और कुत्ते सब चढ़ जाते हैं। इसी तरह मोदी की बाढ़ में सब साथ आ गए हैं।’


अमित शाह के इस भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा ने ट्वीट किया है।

अलका ने लिखा है कि ”सुनिये, यह है BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की भाषा, सत्ता का घमंड इतना कि अब इन्हें विरोध करने वाली देश की जनता, किसान, बेरोजगार नोजवान “कुती-कुत्ता” लगने लागे, कुछ तो शर्म करो, जब अध्यक्ष ऐसा है तो सोचो इनके कार्यकुताओं की भाषा क्या होगी।”

निये , यह है BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की भाषा, सत्ता का घमंड इतना कि अब इन्हें विरोध करने वाली देश की जनता,किसान, बेरोजगार नोजवान “कुती-कुत्ता” लगने लागे,
कुछ तो शर्म करो, जब अध्यक्ष ऐसा है तो सोचो इनके कार्यकुताओं की भाषा क्या होगी। https://t.co/eDtVxw1k22

— Alka Lamba (@LambaAlka) April 7, 2018


इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने शाह के बयान की निंदा करते हुए कहा कि बीजेपी सत्ता के अहंकार में जनता को मूर्खों की जमात समझने की भूल कर रही है।

मायावती ने कहा कि ऐसी ही आपत्तिजनक ‘संघी’ भाषा का इस्तेमाल गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के दौरान भी किया गया था। जहां जनता ने उन्हें जोरदार चाबुक लगाकर हार का कड़ा सबक सिखाया।

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