एनआरसी पर देश के गृहमंत्री अमित शाह ने आज कोलकाता में जो बयान दिया अब उसपर सवाल उठने लगे हैं। शाह ने कहा कि मैं आज हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध और ईसाई शरणार्थियों को आश्वस्त करना चाहता हूं।आपको केंद्र द्वारा भारत छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। अफवाहों पर विश्वास न करें। NRC से पहले, हम नागरिकता संशोधन विधेयक लाएंगे, जिससे इन लोगों को भारतीय नागरिकता प्राप्त होगी।
इनमें शाह ने मुसलमान का नाम नहीं लिया जो दर्शाता है कि एनआरसी के बहाने किसे निशाना बनाया जा रहा है।
Amit Shah in Kolkata: I today want to assure Hindu,Sikh,Jain,Buddhist &Christian refugees, you will not be forced to leave India by the Centre. Don't believe rumours. Before NRC, we will bring Citizenship Amendment Bill, which will ensure these people get Indian citizenship pic.twitter.com/zcWhmL10xl
— ANI (@ANI) October 1, 2019
इस मौके पर शाह ने कहा- दीदी (ममता बनर्जी) कह रही हैं कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी नहीं होने देंगे, लेकिन मैं आपको आश्वासन दे रहा हूं, भारत में प्रत्येक घुसपैठियों को दरवाजा दिखाया जाएगा। आप जानते हैं कि जब वह विपक्ष में थी और वामपंथी सत्ता में थे, तो वे कहते थे कि घुसपैठियों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर होना चाहिए।.
गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्ट्रेशन (एनआरसी) का ड्राफ्ट जारी करने की डीजीपी मुख्यालय ने तैयारी शुरू कर दी है। बीते मंगलवार को सभी जिलों के पुलिस कप्तानों, आईजी, डीआईजी रेंज व एडीजी जोन को पत्र भेजकर इस पर काम शुरू करने के निर्देश दिए गया है।
एनआरसी के लिए डीजीपी मुख्यालय ने जो मसौदा तैयार किया है उसमें सभी जिलों के बाहरी छोर पर स्थित रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, रोड के किनारे व उसके आसपास नई बस्तियों की पहचान की जाएगी जहां बांग्लादेशी व अन्य विदेशी नागरिक अवैध रूप से शरण लेते हैं।
बता दें कि असम सरकार ने जो NRC की फाइनल लिस्ट जारी की है उसमें 19 लाख लोगों का नाम नहीं है। मतलब उन्हें एक तरीके से विदेशी या भारत का नागरिक नहीं माना गया है। एनआरसी की फाइनल लिस्ट में 3,11,21,004 लोग जगह बनाने में सफल हुए हैं।
एनआरसी लिस्ट को बनाने की प्रक्रिया 4 साल पहले शुरू हुई थी और सरकार ने तय समय के भीतर यह सूची जारी कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त तक एनआरसी की अंतिम सूची जारी करने को कहा था।