दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव (DUSU) में अध्यक्ष पद पर जीत हासिल करने वाले एबीवीपी उम्मीदवार अंकित बसोया फर्जी डिग्री मामले में फंसते नज़र आ रहे हैं।

उन्हें ये तक पता नहीं उन्हें किस अध्यापक ने पढ़ाया था और ना ही अपने विषयों यानि सब्जेक्ट्स पर बात कर पा रहे हैं।

बता दें, कि अंकिव बसोया को हाल ही में दिल्ली यूनिवर्सिटी का अध्यक्ष चुना गया है। आरएसएस के छात्र संगठन के उम्मीदवार बसोया ने एनएसयूआई और आइसा-सीवाईएसएस के उम्मीदवारों को हराकर जीत दर्ज की।

हाल ही में एनएसयूआई ने बसोया पर आरोप लगाया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिए बसोया ने फर्जी डिग्री का सहारा लिया।

एनएसयूआई ने अंकिव बसोया की बैचलर की डिग्री को फर्जी बताया और डीयू के वाइस चांसलर को खत लिख उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

एनएसयूआई की ओर से जारी बयान में कहा कि बासोया ने एमए (बुद्धिस्ट स्टडीज) के लिए जो मार्कशीट दिया है , लेकिन तिरुवल्लुर यूनिवर्सिटी साफ किया है कि उनके पास इस नाम से किसी स्टूडेंट ने दाखिला नहीं लिया था और उस सीरियल नंबर के मार्कशीट उनकी रिकॉर्ड में नहीं है।

इसके बाद जब इंडिया टुडे के पत्रकार अंकित बसोया से बात करने पहुंचे तो वो उनके सवालों का जवाब नहीं दे पाए।

जब उनसे पूछा गया कि आपको अपने कॉलेज विभाग के अध्यापकों का नाम याद है तो उन्होंने कहा कि नहीं दो साल हो गए हैं मुझे नाम ध्यान नहीं है। यहाँ तक कि बसोया को विभाग के एचओडी का नाम भी नहीं याद।

उनसे जब उनके कोर्स के विषयों पर सवाल पूछा गया तो वो ये भी नहीं बता पाए कि उन्होंने कौन-कौन से विषय पढ़े और उनका पसंदीदा विषय कौन सा था।

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