समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे ने तकरीबन सात साल बाद एक बार फिर से केंद्र में लोकपाल नियुक्त करने की मांग को लेकर रामलीला मैदान में अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
अन्ना ने कहा कि मैंने सरकार को 42 बार पत्र लिखा, लेकिन सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया और अंत में मुझे अनशन पर बैठना पड़ा। केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए अन्ना ने कहा कि आंदोलनकारियों को यहां आने से रोका जा रहा है। क्या यही लोकतंत्र है?
अन्ना ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को ला रही ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आप प्रदर्शनकारियों को हिंसा के लिए उकसाना चाहते हैं।
हालांकि, पुलिस का कहना है कि भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतेज़ाम किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि मेटल डिटेक्टर से गुजरने के बाद मैन्युअल जांच होगी। जिसके बाद ही किसी को रामलीला मैदान के अंदर जाने दिया जाएगा।
अन्ना के मुताबिक, उनके साथ आंदोलन में शामिल होने के लिए हजारों की तादाद में देश के अलग-अलग राज्यों से आए किसान आए हैं। उन्होंने बताया कि वे इस आंदोलन में सिर्फ किसानों की लड़ाई लड़ेंगे। अन्ना ने मांगों को लेकर यह भी कहा कि इस बार जो लड़ाई होगी वो आर-पार की होगी।