पद्मभूषण से अलंकृत वरिष्ठ समाजसेवी अन्ना हज़ारे ने केंद्र की मोदी सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है। अन्ना हज़ारे ने कहा कि मौजूदा सरकार ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून को कमज़ोर कर दिया है।

पटना में जेपी के निवास स्थान चरखा समिति में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि जिस सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) को उन्होंने लड़ कर बनवाया था, वह कानून आज कमज़ोर हो गया है। इसके लिए मौजूदा सरकार ज़िम्मेदार है। इनके (केंद्र सरकार) दिमाग में सत्ता और पैसे का खेल चल रहा है।

अन्ना ने कहा, “मैं 35 सालों से आंदोलन कर रहा हूं। सूचना के अधिकार के लिए हमने 8 सालों तक लड़ाइयां लड़ी और अंत में सरकार को झुकना पड़ा”। उन्होंने कहा कि कानून तो बन गया है लेकिन यह अब ठीक से काम नहीं कर रहा है, लोगों को सूचनाएं नहीं मिल रही हैं।

अन्ना ने कहा, “सरकार के नियंत्रण में जो भी आयोग है जैसे कृषि मूल्य आयोग, चुनाव आयोग, नीति आयोग अन्य इस तरह के आयोग से सरकार का नियंत्रण हटना चाहिए और उसे संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिए”।

उन्होंने कहा, “ऐसे किसान जिनके घर में आय का कोई स्रोत नहीं है, उन्हें 60 साल बाद 5000 हजार रुपये की पेंशन मिलनी चाहिए। सरकार संसद में किसान बिल को पास करे क्योंकि हमारा संविधान सभी को जीने का अधिकार देता है। इस बार आर पार की लड़ाई होगी”।

अन्ना ने कहा, “इसलिए हमने तय किया है कि 23 मार्च को किसानों की प्रमुख मांगों को लेकर दिल्ली में करो या मरो आंदोलन करेंगे”।

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