मोदी सरकार को देश में सबसे ज़्यादा बैंक घोटालों के लिए ज़रूर याद रखा जाएगा। बैंक घोटालों में अब एक नया मामला और जुड़ गया है। वड़ोदरा की कंपनी डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर पर 2654 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले का आरोप है।
सीबीआई ने बताया है कि उसने वड़ोदरा की कंपनी डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया है। कंपनी पर आरोप है कि उसने विभिन्न बैंकों के साथ 2654 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। यह कंपनी बिजली के तार और उपरकण बनाती है। सीबीआई ने कंपनी और इसके निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और इसके निदेशकों के कार्यालयों और घरों पर भी छानबीन की है। सीबीआई ने बताया कि डायमंड पावर, जो बिजली के तार और उपकरण बनाती है, के प्रवर्तक एसएन भटनागर और उनके बेटे अमित भटनागर और सुमित भटनागर हैं, जो कंपनी में कार्यकारी भी हैं।
कंपनी को 11 बैंकों के समूह 2008 से लेकर 2016 के बीच 2654.40 करोड़ रुपये का लोन मिला। जबकि कंपनी के निदेशकों का नाम भारतीय रिजर्व बैंक की डिफॉल्टर्स लिस्ट और ईसीजीसी की चेतावनी लिस्ट में शामिल है। इस लोन को 2016-17 में एनपीए घोषित किया गया।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने लीड बैंक को स्टॉक की गलत जानकारी दी और कैश क्रेडिट की लिमिट हासिल की। बैंक ऑफ इंडिया ने कंपनी को 670.51 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा ने 348.99 करोड़ और आईसीआईसीआई बैंक ने 279.46 करोड़ रुपए का कर्ज़ दिया था।