मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर अपराध पर लगाम कसने के नाम पर यूपी पुलिस लगातार एनकाउंटर्स कर रही है। लेकिन पुलिस द्वारा किए जा रहे ये एनकाउंटर्स कितने सही हैं और कितने फर्ज़ी, इसपर सवाल उठते रहे हैं। अब इलाहाबाद में कथित बदमाश के साथ हुई मुठभेड़ को लेकर यूपी पुलिस सवालों के घेरे में है।

दरअसल, बुधवार रात को जिले के मऊआइमा इलाके में पुलिस ने मुठभेड़ में एक कथित बदमाश इश्तियाक़ को गोली मार दी थी। जिसमें वह घायल हो गया था। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने घटनास्थल का एक फोटो जारी किया। जिसमें कथित बदमाश ज़मीन पर पड़ा दिखाई दे रहा है। उसके बाएं पैर में गमछा बंधा है और दाहिनी हथेली पर बिना ट्रिगर वाला तमंचा नज़र आ रहा है।

यह तस्वीर जैसे ही सामने आई तो सोशल मीडिया पर लोगों ने पुलिस का मज़ाक उड़ाते हुए मुठभेड़ पर सवाल उठाने शुरु कर दिए। सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल किया कि मुठभेड़ में घायल बदमाश के पैर में पुलिस ने गमछा बांधा तो तमंचे को कब्जे में क्यों नहीं लिया? लोगों ने ये सवाल भी किया कि क्या बदमाश ने बिना ट्रिगर वाले तमंचे से गोली चलाई थी?

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मुठभेड़ में घायल हुए इश्तियाक के परिजनों ने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया है। परिवारवालों का कहना है कि पुलिस उसे आधी रात को घर से उठाकर ले गई और आंख पर पट्टी बांधने के बाद उसे गोली मार दी।

सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होने और सवाल उठने के बाद अब डीआईजी केपी सिंह ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये मामला उनके संज्ञान में आया है। इस घटना में कुछ विसंगति दिख रही हैं। वह इस मामले में जांच करा रहे हैं। जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।

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