अमित शाह के बेटे जय शाह पर खुलासा करने वाली पत्रकार रोहिणी सिंह ने इस बार रेल मंत्री पीयूष गोयल से जुड़ी ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें वर्तमान रेल मंत्री गोयल और उनका परिवार फँसता नजर आ रहा है।
द वायर पर प्रकाशित रोहिणी सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक, एक ऐसी कंपनी जिसके चेयरमैन और डायरेक्टर पीयूष गोयल रहे हैं वो ‘शिर्डी इंडस्ट्री’ 650 करोड़ की लोन डिफाल्टर है।
बाद में कंपनी के पद से इस्तीफ़ा देने वाले पीयूष गोयल इसके लोन डिफाल्टर होने की जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते क्योंकि जब वह इस कंपनी के चेयरमैन और डायरेक्टर थे तभी लोन की पहली किस्त चुकाने में देरी की गई थी , इसके कारण क्रिसिल जैसी रेटिंग एजेंसी ने इन्हें फटकार भी लगाई थी।
लोन चुकाने में शुरू से ही आनाकानी करने वाली इस इंडस्ट्री ने 650 करोड़ का लोन गबन कर लिया। जुलाई 2010 तक पीयूष गोयल शिर्डी इंडस्ट्रीज के चेयरमैन थे।
हैरान करने वाली बात यह है कि 650 करोड़ की डिफाल्टर कंपनी होने के बावजूद इसने एक और कंपनी इंटरकॉम एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिए गोयल की पत्नी की कंपनी को लोन भी दिया।
शिर्डी इंडस्ट्री ने प्रोविडेंट फंड के चार करोड़ रुपए नहीं जमा कराए और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में निपटारे के लिए गई तो बैंक ने इसके 60% ऋण माफ कर दिए।
सवाल यही उठता है कि एक डिफाल्टर कंपनी पर सरकारी बैंक को इतना भरोसा क्यों है ?
डिफाल्टर कंपनियों की वजह से बैंकों पर बढ़ते भार से देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है और ऐसा करने वाले लोग अगर आज मंत्रालय चला रहे हैं तो ये चिंता की बात है।
पूरे मामले को समझाने के लिए द वायर की इस रिपोर्ट के साथ ये ग्राफिक्स भी बनाए गए हैं –
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