उत्तर प्रदेश में फर्जी एनकाउंटर का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बार प्रदेश के अलीगढ़ में फेक एनकाउंटर का मामला सामने आया है। दो मुस्लिम युवकों को बदमाश बताकर मारने वाली यूपी पुलिस ने कैमरे के सामने बिल्कुल फिल्मी स्टंट दिखाए लेकिन एक चूक से बेनकाब हो गए। सवाल उठने लगा कि ये एनकाउंटर है या हत्या ?
ANI द्वारा जारी वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि निशाना लगा रहे पुलिस वाले को कैमरे के पीछे से कोई निर्देश दे रहा है और कह रहा है कि ‘इधर उधर मत देखो हम एक शॉट बना रहे हैं…समझे.. बिल्कुल सामने देखो …जैसे निशाना लगाने में देखते हैं ना वैसे…. ‘
बिना बुलेट प्रूफ जैकेट के एनकाउंटर करने का दावा कर रही यूपी पुलिस पर तो सवाल उठ ही रहे थे लेकिन वीडियो की पीछे की ऑडियो सुनने पर तो संदिग्धता और बढ़ जाती है । वीडियो और ऑडियो से स्पष्ट है कि ‘कथित बदमाशों को शूट’ करने से ज्यादा ‘वीडियो को शूट’ किया जा रहा था।
दूसरी तरफ परिजनों ने भी आरोप लगाया है कि पुलिस वाले उनके बच्चों को पकड़कर ले गए और अब एनकाउंटर का बहाना कर रहे हैं ।
इधर पुलिस की तरफ से सफाई आई है कि उन्होंने दोनों को बाइक से जाता देखा और तभी युवकों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस टीम ने उनका पीछा किया। कथित बदमाश सिंचाई विभाग के एक खाली पड़े दफ्तर में छिपकर फायरिंग करने लगे। करीब एक घंटे चली इस मुठभेड़ में दोनों को गोली लग गई।
दोनों को अस्पताल ले जाया गया मगर उससे पहले उनकी मौत हो गई। इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर पाली (मुकीमपुर) प्रदीप कुमार को भी गोली लगी जिससे वो घायल हो गए,फ़िलहाल उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।
एनकाउंटर पर उठ रहे सवाल
एनकांउटर के दौरान आमतौर पर दोनों तरफ से छिपकर फायरिंग होती है, मगर इस एनकाउंटर में जब एसपी सिटी गोला दाग रहे थे तभी बाकी पुलिस आपस बात करते हुए नज़र आ रहे थे, सिर पर कोई हेलमेट तक नहीं था। जब ये एनकाउंटर जारी था ठीक उसी वक़्त एक सिपाही को कैमरे के पीछे से निर्देश दिया जा रहा था, इधर मत देखो उधर देखो ऐसे देखो जैसे शूटिंग के वक़्त देखते है हम शॉट ले रहे हैं।
मुठभेड़ को कवर करने पहुंचे पत्रकारों का कहना है कि वहां जानबूझकर ऐसा सीन बनाया गया कि जैसे पुलिस बदमाशों से भिड़ रही है हालाकिं कि पत्रकार जब वहां पहुंचे तो कोई भी पुलिस वाला बदमाशों को ले जाता हुआ नहीं दिखाई दिया।
मीडिया के सामने खुद अलीगढ़ के एसएसपी और एसपी सफ़ेद जैकेट पहने फायरिंग करते हुए दिखाई दिए मगर वीडियो और तस्वीरों से ऐसा नज़र आ रहा था कि जैसे अधिकारी निशाने लगाने का अभ्यास कर रहे हों।
परिजनों ने कहा हमारे बच्चों का मार डाला हमें इंसाफ चाहिए
इस एनकाउंटर ने मारे गए दोनों बदमाशो के परिवार वालों ने इंसाफ की गुहार लगाई है। मुस्तकीम की दादी और दूसरे नौशाद की माँ शाहीन ने मीडिया से कहा कि उनके लड़कों को रविवार को पुलिस उठाकर ले गई अब हमारे लड़कों को पुलिस वालों ने मार दिया, हमको इंसाफ चाहिए।
विपक्ष ने कहा दोनों अपराधी नहीं
कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने एनकाउंटर पर सवाल खड़ा करते हुए दोनों युवकों को निर्दोष बताया हैं। कांग्रेस और बसपा नेताओं का कहना है कि हालात साफ़ बयान कर रहे है ये गरीब लोग हैं और अपराधी नहीं। इन्हें चार दिन पहले घर से उठाया गया था।दोनों ही दलों ने न्यायिक जांच करने की मांग की है और कहा कि हम चाहते है कि एक निष्पक्ष जांच हो जिससे सब दूध का दूध पानी का पानी हो जाए।
इस एनकांउटर के बाद पुलिस का कहना है कि दोनों बदमाशों ने रात थाना क्वार्सी क्षेत्र से एक बाइक भी लूटी थी। दोनों पर 25-25 हज़ार का ईनाम था। पुलिस को करीब सुबह 6 बजे करीब कंट्रोल रूम से सूचना मिली और उन्होंने बदमाशों का पीछा करना शुरू कर दिया,जिसके बाद पुलिस फ़ोर्स ने बदमाशों को माछुआ नहर के पास खेतों में घेर लिया।
पुलिस द्वारा बताया गया ये पूरा किस्सा कितना सही और कितना गलत इसके बारे में तो बाद में ही पता लगेगा मगर फ़िलहाल पुलिस को ये भी जानकारी नहीं है कि बदमाशों की तरफ से 25 से 30 राउंड फायरिंग हुई है, हालाकिं जो बंदूक बरामद हुई उसे देख यकीन करना मुश्किल है कि इससे 25 से 30 राउंड फायरिंग भी हो सकती है।