chandrayaan 2, ISRO, deepak chaurasia, vikram lander – बीती रात 12 बजे के बाद देशवासी बेसब्री से लैंडर विक्रम के चांद की धरती को चूमने और खुशी में झूमने का इंतजार कर रहे थे। मगर सफलता मिल नहीं पाई और चांद पर उतर रहे लैंडर विक्रम (vikram lander) से संपर्क टूट गया। मगर इस दौरान कुछ ऐसे पत्रकार सामने आए जो स्टूडियो से ही चाँद पर पहुँचने की तैयारी कर चुके थे।

देश के तमाम न्यूज़ चैनल स्टूडियो में बैठे बैठे अंतरिक्ष पहुँच चुके थे। वो बता रहें थे कि कैसे चांद पर उतर रहे लैंडर विक्रम उतरने वाला है। मगर उससे पहले ही नाटकीय अंदाज़ में नज़र आने वाले पत्रकार कम एंकर सब स्पेस सूट पहनकर जो तैयार थे भले ही संपर्क टूटने से भारत का सपना पूरा नहीं हो पाया मगर देश के एंकर तो बेशर्मी से चंद पर पहुँच भी गए थे।

पत्रकार दीपक चौरसिया (deepak chaurasia) भी इसी जमात में खड़े नज़र आए उन्होंने एक कदम आगे जाते हुए स्पेस सूट ही पहन लिया और खबर देने की जगह खुद ही खबर बन गए। इसमें कोई शक नहीं है कि ये देश के एक बहुत बड़ा पल था। मगर जिस तरह का प्रदर्शन टीवी स्टूडियो में बैठे एंकरों ने दिखाया वो बेहद शर्मनाक था।

ख़बरें पेश करना उसे अलग अंदाज़ में बताना अलग बात होती है मगर स्पेस सूट पहनकर इसरो की मेहनत का मजाक बनाया जाना अपने आप में शर्मनाक है। इस मामले पर निर्देशक अनुभव सिन्हा ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने दीपक चौरसिया की फोटो शेयर करते हुए लिखा वीभत्स है ये चित्र। पत्रकारिता की क्रूरतम हत्या के उपरांत उसका नंगा शव।

बता दें कि भारत के चंद्र मिशन को शनिवार तड़के उस समय झटका लगा, जब लैंडर विक्रम से चंद्रमा के सतह से महज दो किलोमीटर पहले इसरो का संपर्क टूट गया। चंद्रयान-2  मिशन की कुल लागत 978 करोड़ रुपये बताई जाती है।

6 COMMENTS

  1. भारतीय मीडिया पर बेशर्म, स्वार्थी और लालची लोगों का कब्जा हो चुका है, सभी मुख्य श्रेणी के पत्रकार 250 करोड़ से लेकर 1000-1000 करोड़ के मालिक बने बैठे हैं, राष्ट्र और राष्ट्र की जनता के प्रति मीडिया के इन गुण्डों का कोई उतरदायित्व नहीं है, इनके चैनल जनता को जागरूक करने के लिए नहीं बल्कि दिल्ली के आस पास 40-40”60-60 के फारम हाउस कैसे बनाए जाएं इसके लिए चलते हैं, इनकी संपूर्ण उर्जा केवल उस षड्यंत्र रचना में खर्च होती है कि कैसे महाझूठ को सच्च और सच्च को महाझूठ बना कर स्टूडियो में बैठ कर जनसाधारण को कैसे मूर्ख बनाया जाए,
    कुल मिलाकर कहना चाहता हूँ कि देशद्रोह के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है भारत का मीडिया

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