चुनावों के करीब आते ही केंद्र की मोदी सरकार ने लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दामों को 2.50 रुपए कम करने का ऐलान किया है।

दामों में कटौती की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस फैसले से सरकारी ख़ज़ाने पर 10 हज़ार 5 सौ करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, लेकिन यह फ़ैसला जनहित के लिए ज़रूरी है।

सरकार के इस कदम पर विपक्षियों ने सवाल खड़े किए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी पर 10 रुपये प्रति लीटर का इज़ाफ़ा किया था और कटौती महज़ डेढ़ रुपये की है। उन्होंने कहा कि केंद्र को तेल के दामों में कम से कम 10 रुपये की कटौती करनी चाहिए थी।

वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार 12 बार केंद्रीय एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के बाद डेढ़ रुपया कम करके झूठी वाहवाही लूट रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री बताएंगे कि उन्होंने 52 महीनों में केंद्रीय उत्पाद शुल्क में 12 बार इजाफा क्यों किया?

इसके साथ ही सुरजेवाला ने सरकार के इस कदम को चुनवों से जोड़ते हुए कहा कि 5 राज्यों में चुनावी हार को सामने देख और जनता के भयंकर गुस्से से घबराकर मोदी सरकार ने आज चींटी जैसी मात्रा में केंद्रीय उत्पाद शुल्क कम करने की घोषणा की है।

मोदी जी जनता को अब बेवकूफ नहीं बना सकते और पेट्रोल-डीजल की लूट पर जवाब देना पड़ेगा।

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा तेल के दाम कम किए जाने के बाद अब बीजेपी शासित राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ ने भी तेल पर 2.50 रुपये टैक्स घटाने का ऐलान किया है। इसके साथ ही इन चारों राज्यों में पेट्रोल-डीजल 5 रुपये सस्ता हो जाएगा।

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