विपक्षी सांसदों के विरोध के बावजूद लोकसभा में तीन तलाक बिल एक बार फिर से ध्वनिमत से पास हो गया। वोटिंग के दौरान बिल के पक्ष में 303 वोट, जबकि विरोध में 82 मत डाले गए। कांग्रेस, डीएमके, एनसीपी समेत कई विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया, जबकि टीएमसी, जेडीयू ने वोटिंग से पहले सदन से वॉक आउट कर दिया।
इससे पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में तीन तलाक बिल का विरोध करते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा। असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषण की शुरुआत आक्रमक अंदाज में की। उन्होंने कहा कि मैं तीसरी बार इस बिल के खिलाफ खड़ा हुआ हूं और जबतक जिंदगी रहेगी तबतक इस बिल का विरोध करता रहूंगा।
ओवैसी ने सवाल उठाते हुए कहा कि तीन तलाक को इस सरकार ने अपराध में डाल दिया। ऐसे में फिर महिला का पालन-पोषण कौन करेगा। उन्होंने कहा कि इस्लाम में निकाहनामा है, आप भी एक कंडिशन लगा दीजिए कि अगर कोई तीन तलाक देगा तो उसे महिला को मेहर की रकम का 500 गुना जुर्माना देना होगा।
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AIMIM सांसद ने कहा कि निकाह एक कॉन्ट्रैक्ट है, अगर कोई मुसलमान आदमी गलती से तीन बार तलाक बोल देता है तो शादी नहीं टूटती है। उन्होंने दावा किया कि इस्लाम में 9 किस्म के तलाक होते हैं और तीन तलाक उसमें से सिर्फ एक है। तीन तलाक बिल के विरोध में ओवैसी ने कहा कि इससे महिला पर बोझ बढ़ेगा, क्योंकि अगर शौहर जेल में चला जाएगा तो फिर महिला को पैसा कौन देगा।
ओवैसी ने कहा कि मान लीजिए अगर अदालत ने तीन तलाक देने वाले पुरुष को तीन ताल की सजा दे दी, तो फिर महिला तीन साल तक उसके इंतजार में क्यों बैठी रहे। शादी में ही क्यों रहे। उन्होंने तंज़ कसते हुए कहा कि क्या महिला तीन साल बाद कहेगी…बहारो फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है’।
इसके साथ ही AIMIM प्रमुख ने मीटू और सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मामले को उठाते हुए कहा, “#MeToo मिनिस्ट्रियल पैनल की रिपोर्ट का क्या हुआ? मीटू कैंपेन में फंसे बीजेपी सांसद के खिलाफ़ के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लिया गया”। उन्होंने कहा कि अगर यह सरकार महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है, तो बीजेपी अपनी महिला सांसदों को सबरीमाला जाने के लिए विशेष विमान की व्यवस्था क्यों नहीं करती है?