रामनवमी पर जुलूस को लेकर पश्चिम बंगाल में हिंसा रुक नहीं रही है। राज्य में दूसरे दिन भी हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं। यहाँ तक उपद्रवियों ने पुलिस थाने पर पथराव किया और पुलिसकर्मियों पर बम तक से हमला कर दिया।
राज्य में हो रही हिंसा के मद्देनजर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भाजपा समर्थकों ने पश्चिम बंगाल में रविवार को कई स्थानों पर सरकारी प्रतिबंध की अनदेखी करते हुए सशस्त्र रैली निकाली। इस रैली के बाद ही हालात बिगड़े।
बता दें, कि राज्य में फ़ैल रही इस हिंसा में आरएसएस और भाजपा पर आरोप लगाए जा रहे हैं। इससे पहले कभी भी पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दौरान इस तरह की घटनाएँ सामने नहीं आई। 2017 में आरएसएस ने राज्य में हथियारों के साथ रामनवमी जुलूस निकालने की शुरुआत की थी। उसके बाद से ही राज्य में इस तरह की घटनाएँ बढ़ रही हैं।
मुर्शिदाबाद और बर्द्धमान जिलों में संगठनों के सदस्यों और पुलिस के बीच झड़प हुई है। पुलिस के अनुसार ऐसे ही एक झड़प में पुलिस टीम के ऊपर बम भी फेंका गया। इस घटना में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल पुलिसकर्मियों की तस्वीरें इन्टरनेट नेट पर भी वायरल हो रही हैं।
रामनवमी जुलूस में हिस्सा लेने वाले लोगों ने तलवार और त्रिशूल से लैस होकर थाने में घुसने का प्रयास किया। इस दौरान उन्होंने जमकर तोड़फोड़ भी की। इस घटना में 10 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
राज्य में बिगड़े हालात को देखते हुए ही बाद में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया था जो जुलूस के दौरान हथियार लेकर चल रहे थे।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनीश सरकार ने बताया कि समिति में भाजपा और विहिप के कार्यकर्ता शामिल थे। उन्होंने कंडी बस स्टैंड से राधाबल्लभ मंदिर तक सुबह तकरीबन साढ़े 11 बजे के करीब रैली आयोजित की थी।