बिहार में तीनों सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी के हाथ सिर्फ एक सीट लगी है। वही राजद ने दो सीटों पर अपना कब्ज़ा जमा लिया। ये दो सीटें है अररिया और जहानाबाद वही बीजेपी को सिर्फ भभुआ सीट मिल सकी।

अररिया से राजद के सांसद मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के निधन से खाली सीट पर उनके बेटे सरफराज आलम को जनता से सिर आंखों पर बैठाया मगर बिहार से आने वाले बीजेपी सांसद ने इसे मानने से इनकार कर दिया है।

बीजेपी उम्मीदवार प्रदीप सिंह को करीब 60 हजार वोटों से हराकर अररिया की सीट अपने नाम की। मगर बीजेपी सांसद और मोदी सरकार में मंत्री गिरीराज सिंह ने जनता के मतों का अपमान करने में ज़रा भी वक़्त नहीं लगाया।

उन्होंने अररिया जीत पर बयान देते हुए कहा अररिया सीमावर्ती इलाका नहीं है केवल नेपाल और बंगाल से जुदा नहीं है। एक कट्टरपंथी विचारधारा को उन्होंने जन्म दिया है। ये बिहार के लिए खतरा है इस देश के लिए खतरा होगा और वो आतंकवादियों को गढ़ बनेगा।

गिरिराज सिंह अपने भड़काऊ भाषण के लिए तो जाने जाते थे मगर गिरिराज का ये बयान लोकतंत्र का अपमान है। वो ये कैसे कह सकते है की अररिया एक आतंकवादी गढ़ बनेगा जबकि राज्य और केंद्र दोनों ही जगह उनकी सरकार है क्या कोई आतंकियों का गढ़ बनेगा और वो चुप रहेंगे? इस तरह का बयान देना जनता के मतों का अपमान करना है।

उन्हें याद होना चाहिए की वो जिस कैबिनेट में मंत्री पद मिला वो सबका साथ सबका विकास की बात करते है। अगर ऐसा है तो उन्हें ऐसे बयान देने से पहले गरीब मजदूर जनता के बारे में सोच लेना चाहिए जिसने सरफराज आलम को जीत दिलवाई।

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