बिहार और पश्चिम बंगाल रामनवमी के बाद से हिंसा की आग में जल रहा है। बिहार में तो केन्द्रीय मंत्री के बेटे अपनी राजनीति को नई पहचान पाने के लिए वार्रेंट जारी होने के बाद भी गिरफ्तार नहीं हो पाए है। ऐसा सिर्फ इसलिए क्योकिं वो सत्ता में बैठी सरकार के मंत्री के बेटे है। सड़कों पर लोग हाथों में तलवार लिए और लहरता नज़र आ रहे है। मगर क्या किसी ने कभी सोचा की ये है कौन जो बात बात हिंसा पर उतर आते है।

सबसे ज्यादा जो हैरान करने वाली बात है वो ये की सड़कों पर जो लोग हिन्दू राष्ट्र की मांग करने वाले इनमें से कोई भी बीजेपी नेता के घर से या उनका अपना बेटा/बेटी नहीं है जो सड़कों पर तलवार और बंदूक नहीं लहरा रहा है। इसके पीछे की वजह वजह सिर्फ एक ही है वो राजनीति जो भोले भाले लोग नेताओं की बातों में आकर आतंकियों जैसी हरकत करने लग जाये घर फुकने लगे इसमें कोई भी नेता अपने बच्चों को नहीं भेजेगा।

जो लोग सड़कों पर उतरकर तलवार लहरा रहे है ऐसे लोग सिर्फ पार्टी के लिए हवा बनाने में काम आते है। पार्टी का अपना कोई नेता इसमें शामिल होते नहीं दिखाई देते है और न ही उनके बच्चें इस राष्ट्र कार्य में शामिल होते है।

वो या तो आपको विदेशों में पढ़ाई करते नज़र आयेंगें या फिर करोड़ो का कारोबार चला रहे होंगें। क्योकिं पार्टी के नेता अपने बच्चों को इसमें कभी नहीं लगायेंगें इसके पीछे की वजह साफ़ है वो सिर्फ इसमें आम लोगों से अपना उल्लू सीधा करेंगें वक़्त पड़ने पर उन्हें अकेला भी छोड़ देंगें।

ऐसे लोगों को सिर्फ नारों के लिए रखा जाता है मसलन मोदी मोदी, जय श्री राम और पाकिस्तान जाओ मुसलमान जैसे नारें जिनका असल कोई मतलब ही नहीं है। वो उतने ही खोखले है जितना की ये सभी नारे क्योकिं राजनीति और धर्म के कॉकटेल में देश युवाओं को बेरोजगार रखते हुए उनसे 500 से 1000 रुपये देकर उन्हें उग्र बनाया जा रहा है।

ऐसा सिर्फ इसलिए क्योकिं वो अपने बच्चों को इसमें नहीं उतर सकते है। वो अपने बच्चों या तो संसद और विधानसभा भेज देंगें या फिर कोई फैक्ट्री खुलवा देंगें क्योकिं वो अपने बच्चों तलवार नहीं लहराने के लिए भेजेगें उसके लिए तमाम लोग है जो दंगें करें जो रोड पर तलवार लहरा कर धर्म को बदनाम करें।

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