देश की कुछ हस्तियां ने मॉब लिंचिंग के ख़िलाफ़ उठाई जाने वाली आवाज़ को हंगामेबाज़ी बताया था। अब बीजेपी के ही एक नेता ने देश की इन हस्तियों के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है।

बीजेपी के पश्चिम बंगाल उपाध्यक्ष और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रपौत्र चंद्र कुमार बोस ने मॉब लिंचिंग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने वाली 49 शख्सियतों का शुक्रवार को समर्थन किया। साथ ही उन्होंने देश की उन 61 हस्तियों का विरोध भी किया जिन्होंने मॉब लिंचिंग के खिलाफ़ लिखे गए पत्र को हंगामेबाज़ी बताया था।

उन्होंने इस विषय पर विभिन्न क्षेत्रों की 61 हस्तियों के जवाबी बयान को एक मजाक बताते हुए कहा कि यह इस विषय की गंभीरता को कम करने जैसा है। हम सभी को भीड़ ह.त्या जैसी बुराई से लड़ने के लिए एकजुट होना चाहिए।

बीजेपी नेता ने कहा, ‘भीड़ ह.त्या के सिलसिले में शख्सियतों की चिंताओं का मैं समर्थन करता हूं। मैं आश्वस्त हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुधारात्मक कदम उठाएंगे। लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि भीड़ ह.त्या और धर्म को आपस में नहीं जोड़ा जाना चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘जिस किसी ने भी पत्र लिखा है या उस पर हस्ताक्षर किए हैं उनसे मेरा कोई वास्ता नहीं है। मैं बस पत्र की विषय वस्तु का समर्थन कर रहा हूं।’

बोस ने कहा, ‘भीड़ ह.त्या और हत्या समान हैं। आरोपी के दोषी पाए जाने पर कानून के तहत कठोर सजा दी जानी चाहिए। भीड़ ह.त्या में संलिप्त यदि कोई व्यक्ति अपराधी है तो उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, चाहे उसकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो।’

बता दें कि 49 शख्सियतों ने मंगलवार को मॉब लिंचिंग पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा था। इस पत्र पर शुक्रवार को विभिन्न क्षेत्रों की 61 शख्सियतों मे एक जवाबी बयान जारी किया। इस बयान में उनकी चिंताओं को झूठा विमर्श बताया गया और नाराजगी जताई गई।

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