गोरखपुर और फूलपुर में भाजपा की हार के बाद उत्तरप्रदेश में योगी सरकार के काम पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। अब सरकार के प्रति आक्रोश पार्टी के भीतर से भी उठ रहा है। भाजपा के कई नेता इस हार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काम से जोड़कर देख रहे हैं। साथ ही भाजपा नेताओं ने किसान और गाय के नाम पर हो रही हत्याओं को भी बड़ी वजह बताया।

टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरप्रदेश के एक अति पिछड़ी जाति के सांसद ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि पिछले साल भाजपा को विधानसभा चुनाव में जीत गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलित वोटों के समर्थन से मिली लेकिन चुनाव जीतने के बाद उनको कुछ नहीं दिया गया। इस सांसद ने टेलिग्राफ से यह भी कहा कि पुलिस स्टेशन और सरकारी दफ्तरों में गरीब और दबे कुचले लोगों की आवाज़ नहीं सुनी जा रही थी।

मोहनलाल गंज से भाजपा एमपी किशोर कौशल ने कहा कि योगी सरकार ने 120 दिनों में लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने का वादा किया था लेकिन  “गरीब और पिछड़े अभी भी परेशान हैं और उनकी कोई नहीं सुनता है।”

टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, मछली शहर से सांसद राम चरित्र निषाद ने कहा कि किसानों की परेशानी, कर्ज़ माफी योजना के कार्यान्वयन में कमी और गौहत्या पर रोक के प्रभाव भी ग्रामीण इलाकों में भाजपा के प्रति लोगों में गुस्से की वजह हैं। उन्होंने कहा, “बड़ी संख्या में सांढ़ और बूढ़ी गायें किसानों के फसलों को नुकसान पहुंचा रही है, यह किसानों के लिए समस्याओं की बड़ी वजह बन गई है, लोग गुस्से में हैं।”

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