‘जय श्री राम’.. ये नारा कभी भक्ति के लिए लगाया जाता था, लेकिन सियासत में इसकी इंट्री होने के बाद ये नारा भड़काऊ हो चुका है। इस नारे का इस्तेमाल लोगों की हत्या और उत्पीड़न के लिए किया जा रहा है। सत्तारूढ़ दल के नेता तक इस नारे का इस्तेमाल अपने प्रतिद्वंदियों को साधने के लिए कर रहे हैं।
झारखंड में कुछ ऐसा ही नज़ारा उस वक्त देखने को मिला जब झारखंड के शहरी विकास मंत्री सीपी सिंह ने कांग्रेस विधायक इरफ़ान अंसारी को मी़डियाकर्मियों के सामने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर किया।
दरअसल, पत्रकार सन्नी शारद विधानसभा के बाहर दोनों नेताओं का इंटरव्यू ले रहे थे। तभी सीपी सिंह विधायक इरफ़ान अंसारी का हाथ ऊपर उठाकर उनसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए कहने लगे। जिसका विधायक ने विरोध किया।
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सीपी सिंह ने इरफ़ान अंसारी का हाथ पकड़ते हुए कहा, “मैं चाहता हूं कि इरफान भाई एक बार जय श्री राम का जाप करें”। जब विधायक ने सीपी सिंह की बात नहीं मानी तो वह हमला करते हुए कहने लगे, “तेरे (इरफ़ान अंसारी) पूर्वज बाबर या तैमूर लंग के वंशज नहीं। तुम्हारे पूर्वज गौरी-गजनी नहीं थे। तुम्हारे पूर्वज भी ‘जय श्री राम’ थे।”
इसके बाद इरफ़ान अंसारी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आप मुझे डरा या धमका नहीं सकते और यह बताते हुए कि देश को रोजगार के अवसरों, बिजली और विकास की जरूरत है, न कि धर्म पर राजनीति की।
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ग़ौरतलब है कि देश के जानी-मानी 49 हस्तियों ने दलितों और अल्पसंख्यकों पर बढ़े जुल्म, हेट क्राइम, मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र के ज़रिए उन्होंने पीएम से सीधे सवाल किया है कि अपराधियों के खिलाफ क्या एक्शन लिया गया है।
इसके साथ ही पत्र में ‘जय श्री राम के नारे’ को उकसावे वाला बताया है। देशभर से सामाजिक कार्यकर्ता, फिल्म निर्माता और कलाकारों ने पीएम को लिखे पत्र में इस पर रोक लगाने की मांग की है।