एक तरफ मोदी सरकार भारतीय बैंकों के हज़ारों करोड़ रुपये लेकर भागे नीरव मोदी और माल्या को जल्द पकड़ने का दावा कर रही है वहीं भाजपा के अपने नेता भी अब इसी राह पर चल पड़े हैं।
देश के कई बड़े उद्योगपति बैंकों से कर्ज़ लेकर उसे बिना चुकाए विदेश फरार हो गए हैं। लेकिन दूसरी तरफ कुछ ऐसे नेता भी हैं जो बैंक से करोड़ों का कर्ज़ लेकर उसे चुका नहीं रहे हैं और सरकारी सुविधाओं का सुख भी भोग रहे हैं। उन्हीं में से एक हैं यूपी के योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी।
हाल ही में संपन्न लोकसभा उपचुनाव के दौरान अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहे सूबे के कैबिनेट मंत्री पर तीन बैंकों के करोड़ों रुपये बकाया हैं। जिनका भुगतान वह नहीं कर रहे हैं।
बताया जाता है कि नंदी ने 65 करोड़ रुपये का कर्ज इलाहाबाद के मानसरोवर में स्तिथ जम्मू एंड कश्मीर बैंक से लिया है। बैंक ऑफ़ बड़ोदा से 5 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है और यूनियन बैंक से 15 करोड़ रुपये का।
ये कर्ज उन्होंने नन्दीराम इंडस्ट्रीज़ इंडिया लिमिटेड, नंदी एग्रो इनीशिएटिव, जान्हृवी सेल्स और अन्नपूर्णा ट्रेडर्स के नाम पर लिया है।
कर्ज के लिए कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी और इनकी पत्नी शहर की मेयर अभिलाषा गुप्ता द्वारा ली गई गारंटी भी शामिल है। राज्य के अखबारों में मामले को लेकर खबरे छप रही हैं लेकिन भाजपा सरकार चुप्पी साधे हुए हैं।