पीएम मोदी अम्बेडकर की बात करते हैं लेकिन उनकी बात पर बीजेपी नेताओं को भी भरोसा नहीं है। ‘बीजेपी दलित विरोध है’ ये बात खुद बीजेपी के नेता ही चीख-चीख कर बता रहे हैं।
बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले और रॉबर्ट्सगंज से बीजेपी सांसद छोटेलाल के बाद अब इटावा के बीजेपी सांसद अशोक दोहरे आवाज बुलंद की है। सड़कों पर नारे लगाए जा रहे हैं ‘दलित विरोधी ये सरकार, नहीं चलेगी अबकी बार’
अशोक दोहरे बीजेपी सरकार हो रहे दलित अत्याचर से आहत हैं। SC/ST एक्ट में बदलाव को लेकर 2 अप्रैल को भारत बंद किया गया था। इस दौरान बड़ी संख्या में दलित समाज के लोग सड़कों पर उतरे थे।
बीजेपी सांसद का आरोप है कि भारत बंद के बाद पूरे देश व यूपी में पुलिस दलितों का जमकर उत्पीड़न कर रही है। पुलिस झूठे मामलों में दलितों को फंसा रही है।
अशोक दोहरे ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर अपना शिकायती पत्र सौंपा है। पत्र में लिखा है , “अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों पर पूरे भारत वर्ष, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में सरकार और स्थानीय पुलिस द्वारा इन वर्गों के लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है और झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है। पुलिस निर्दोष लोगों को घरों से निकाल कर जतिसूचक शब्दों द्वारा मारपीट व अपमानित करके उन्हें गिरफ्तार कर रही है। जिसकी वजह से इन वर्गों में रोष व असुरक्षा की भावना बढती जा रही है।”
