सोशल मीडिया पर बीजेपी समर्थक भी नरेश अग्रवाल को पार्टी में शामिल किए जाने से नाराज हैं। राज्यसभा में एक सीट बढ़ाने के लिए बीजेपी ने उस व्यक्ति को भी गले लगा लिया जिसने कभी राम को अपमानित किया था। ये कैसी राम भक्ति है?

राम की राजनीति करने वाली बीजेपी ने सत्ता के सुख के लिए अपनी विचारधार से भी समझौता कर लिया। जुलाई 2017 को नरेश अग्रवाल ने राज्यसभा में कहा था कि ‘व्हिस्की में विष्णु बसे, रम में बसे श्रीराम, जिन में माता जानकी और ठर्रे में हनुमान, बोला सियावर रामचंद्र की जय।’

वही दूसरी तरफ जिस आडवाणी ने राम और राम मंदिर के लिए रथ यात्रा निकाला बीजेपी ने उसे किनारे कर दिया है। 28 साल पहले जब लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या के लिए राम रथयात्रा निकाली थी और उसकी बदौलत भारतीय जनता पार्टी को एक बड़ी ताकत के तौर पर स्थापित कर दिया था।

उस रथ यात्रा में शंख बजाने वाले नरेंद्र मोदी आज भरे मंच पर लालकृष्ण आडवाणी को नजरअंदाज कर अपमानित करते हैं। ये सत्ता का घमंड नहीं तो और क्या है? बीजेपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सत्ता हासिल करने के लिए पार्टी की विचारधारा तक को दाव पर लगा चुके हैं।

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