उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेता विवेक निगम पर एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा है। आरोप कानपुर के किदवई नगर इलाके में रहने वाली एक लड़की के परिजनों ने लगाया है।

सत्ताधारी दल के नेता का यह रसूख है कि दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध का केस दर्ज होने के बाद भी पुलिस भाजपा नेता को गिरफ्तार नहीं कर रही है। इससे पीड़ित परिवार में आक्रोश है।

पीड़िता के परिजनों की तहरीर पर भाजपा नेता विवेक निगम के खिलाफ कानपुर पुलिस ने रेप और पॉक्सो की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है लेकिन आरोपी अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।

पीड़ित नाबालिग लड़की के परिजनों ने बताया है कि लड़की के पिता पेशे से अधिवक्ता हैं। उनकी बेटी वर्ष 2019 में 11वीं में पढ़ती थी, तब विवेक लगातार उनके घर मुकदमे के सिलसिले में आया करता था।

घर आने जाने के क्रम में ही उसने पीड़िता को अपने जाल में फंसा लिया। एक दिन बहला फुसला कर विवेक लड़की को अपने घर ले गया।

वहां उसने लड़की को कोल्ड ड्रिंक में मिलाकर नशीला पेय पिला दिया और उसके बाद उसके साथ घिनौनी घटना को अंजाम दिया. इस दौरान उसने आपत्तिजनक तस्वीरें ली और वीडियो भी बनाए।

इसके बाद उसने नाबालिग को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। फोटो और वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करने की धमकी देकर लगातार उसे अपने साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करता रहा। सामाजिक बहिष्कार के भय से पीड़िता उसके इशारे पर चुपचाप उसका साथ देती रही।

जब पानी सर के ऊपर से गुज़र गया तब लड़की ने 14 दिसम्बर 2020 को अपने परिवार वालों को अपने साथ हो रहे इस दुराचार की जानकारी दी।

परिजनों ने भी सामाजिक बहिष्कार के भय से उस वक़्त पुलिस-थाने से दूर रही।

पुलिस तक मामला नहीं जाने की वजह से भाजपा नेता विवेक निगम का दुस्साहस बढ़ता रहा।

जब पीड़िता उसके आगे समर्पण करने से इनकार करने लगी तो भाजपा नेता उसे जान से मारने की धमकी देने लगा। थक हार कर परिजनों ने पुलिस केस दर्ज करवा दिया।

विवेक निगम भारतीय जनता पार्टी की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा के क्षेत्रीय कार्यसमिति का सदस्य है।

पीड़िता के पिता का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी यूपी की सत्ता पर काबिज़ है। इस से पुलिस पर पार्टी का दबाव है और विवेक निगम की गिरफ्तारी नहीं हो रही है।

जांच पड़ताल के क्रम में भाजपा नेता विवेक निगम के पार्टी के कई बड़े नेताओं और विधायकों के साथ तस्वीरें सामने आईं हैं। इस मामले में जब भाजपा के पदाधिकारियों से बात की गई तो सबने अपना पल्ला झाड़ लिया।

चूंकि मामला भाजपा से जुड़ा हुआ है इसलिए उनका कोई भी नेता इस पर बोलने को तैयार नहीं है।

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में भाजपा और भाजयुमो से जुड़े नेताओं के एक से बढ़कर एक कारनामे लगातार सामने आ रहे हैं। इससे सरकार और पार्टी दोनों की फजीहत हो रही है।

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