इन दिनों बसपा सुप्रीमो मायावती मोदी सरकार पर हर मोर्चे पर निशाना साध रही है। लखनऊ में हुए इन्वेस्टर्स समिट को ‘फैशन शो’ कह चुकी मायावती ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
मायवती ने कोयला खदानों का निजीकरण करने पर मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मोदी सरकार की यह नीति धन्नासेठों के तुष्टीकरण की एक और नीति है।
मायावती ने कहा कि अब देश की अर्थव्यवस्था प्रधानमंत्री मोदी ने मुट्ठी भर पूंजीपतियों के नाम कर दी है और पूंजीपतियों के हितों के लिए लगातार काम किए जा रहे हैं। लेकिन सवा सौ करोड़ गरीबों, मजदूरों, किसानों और युवाओं से किये ‘अच्छे दिन’ के वादे को पूरा नहीं कर रहे।
इसके साथ मायावती ने बैंक घोटाले पर इशारों इशारों में कहा कि अब प्राइवेट कंपनियां देश को लूटने में लग गई है और सत्ता में बैठी सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।
मायवती ने निजीकरण पर बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार सिर्फ एक एजेंडे के तहत दलितों और पिछड़े वर्ग के लोगों को रोजगार में मिली आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था को प्रभावित कर रही है। इसके साथ-साथ देश का भी नुकसान हो रहा है।
बता दें कि मोदी सरकार ने मार्च में 2015 में एक नया बिल पारित करके इस क्षेत्र में उदारीकरण की राह आसान कर दी। अब छोटे और मध्यम आकार के कोयले की खदानों की पारदर्शी तरीके से नीलामी संभव हो सकेगी। जिसकी वजह मोदी सरकार ने दी है कि कोल इंडिया की समस्या यह है की वह उतने बड़े पैमाने पर कोयले का उत्पादन नहीं कर पा रही है, जितने की मांग है।