उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक बार फिर सांड का आतंक सामने आया है। यहां रामघाट थाना क्षेत्र के गांव नगला गर्वी में 15 वर्षीय चंचल को सांड ने जान से मार डाला है।

दरअसल, चंचल अपनी भैंस को घर के पास में ही पेड़ के नीचे बांधने गई थी। तभी वहां खड़े सांड ने चंचल पर हमला कर घायल कर दिया, जिससे चंचल की मौके पर ही मौत हो गई। इससे पहले 27 दिसंबर को रामघाट क्षेत्र के ही गांव नगला धारकपुर में आवारा सांड ने खेत की रखवाली कर रहे किसान कुंवरपाल को मौत के घाट उतार दिया था।

बता दें कि योगी राज में उत्तर प्रदेश अपराध के विभिन्न क्षेत्रों में नंबर-1 तो है ही। अगर छुट्टा जानवरों से परेशान लोगों का कोई आंकड़ा होता तो यहां भी यूपी शीर्ष स्थान प्राप्त कर लेता।

देश के दूसरे राज्यों की समस्या भले ही खराब स्वास्थ्य व्यवस्था, गंदा पानी, महिला असुरक्षा, बेरोजगारी आदि होगी। लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता तमाम अन्य परेशानियों के साथ-साथ छुट्टा जानवरों से भी परेशान है।

इस राज्य में किसानों का जितना श्रम फसल को उगाने में लग रहा है, उससे कम श्रम छुट्टा जानवरों से फसल को बचाने में नहीं लग रहा। किसान रात-रातभर जगकर फसल की रखवाली करने को मजबूर हो रहे हैं। बावजूद इसके छुट्टा जानवरों से फसल सुरक्षित नहीं है।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश में सड़क पर चलते हुए गाड़ियों को परिवहन के नियमों के साथ-साथ सड़क के बीच बैठे सांडों के आदेश का पालन भी करना पड़ता है। कई बार गाड़ियों और छुट्टा जानवरों की टक्कर हो जाती है, जिसमें नुकसान दोनों को होता है। कभी गाड़ी चालक और सवार की मौत होती है, तो कभी छुट्टा जानवरों की।

फसल और सड़क को नुकसान पहुंचाने के अवाला छुट्टा जानवर गांव, कस्बों में घुसकर लोगों को जान से मारने का काम भी कर रहे हैं।

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