कैग की रिपोर्ट में एक बड़ा खुलासा हुआ है जिसमें यह कहा गया है कि यूपी के एक करोड़ 15 लाख बच्चों को स्कूल बैग नहीं मिला है.

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आई इस रिपोर्ट से राज्य की राजनीति में बवाल हो सकता है और विपक्ष को सरकार के खिलाफ नया मुद्दा मिल सकता है.

रिपोर्ट्स के अनुसार, 2016-17 में राज्य के 01 करोड़ 80 लाख में से लगभग 1 करोड़ 15 लाख विद्यार्थियों को स्कूल बैग नहीं मिल सका है.

विभाग ने 6 लाख 55 हजार स्कूल बैग बिना बांटे ही खराब कर दिया है. इससे राज्य के खजाने का 5.33 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

गुरुवार को यूपी विधानसभा में रखी गई भारत के नियंत्रक महालेखाकार परीक्षक की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि पूर्व की समाजवादी पार्टी की सरकार में 2016 में सरकारी व सरकार द्वारा सहायता प्राप्त प्राइमरी एवं जूनियर स्कूलों के छात्रों के लिए निःशुल्क बैग देने की शुरुआत की थी.

गुरुवार को सामने आई इस कैग रिपोर्ट के जरिए यह बात सामने आई कि चूंकि बैग वितरण के लिए टेंडर प्रक्रिया विसंगति पूर्ण है. इस वजह से सप्लाई में देरी हुई है.

सितंबर 2016 में खोले गए टेंडर में 7 में से 3 निविदाकर्ता टेंडर के पात्र पाए गए और इन्हें बैग की कुल संख्या का क्रमशः 60, 40 एवं 20 प्रतिशत स्कूल बैगों की सप्लाई का ऑर्डर दिया गया है.

वहीं कैग रिपोर्ट के अनुसार तीन कंसोर्टियम को एक बैग के लिए 144.40 रुपये का भाव तय किया गया और इस हिसाब से इन्हें 1.80 करोड़ स्कूल बैग का ऑर्डर दिया गया था लेकिन सप्लाई सिर्फ 78.58 लाख बैग की ही जा सकी.

इसके लिए भुगतान केवल 65.27 लाख स्कूल बैग ही बांटे जा सके. इसकी वजह से 1.15 करोड़ बच्चों को इसका लाभ प्राप्त नहीं हो सका. 13.31 लाख बैग वितरित नहीं की जा सके.

वहीं राज्य के 08 जिलों में इसकी आंशिक सप्लाई ही हो सकी. वहीं यूपी के 38 जिलों का यह हाल हुआ कि इन्हें 01 भी बैग प्राप्त नहीं हो सका. वहीं स्थिति ऐसी हुई कि कुछ कंसोर्टियम की बैंक गारंटी भी जब्त कर ली गई.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here