p>भारतीयों की निजी जानकारी अब महफूज़ नहीं रह गई है। फेसबुक डेटा लीक के आरोपों का सामना कर रही ब्रिटिश कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका के पूर्व रिसर्च हेड डेविड वायली ने बताया है कि कंपनी के पास लाखों भारतीयों का डेटा है।

बता दें, कि कैम्ब्रिज एनालिटिका नाम की फर्म यानि कंपनी पर फेसबुक के पांच करोड़ यूज़र की निजी जानकारी चुराने का आरोप है। इस फर्म ने अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प के लिए काम किया था। ये कहा जा रहा है कि इसने इस डाटा का प्रयोग इस चुनाव में ट्रम्प को फायदा पहुँचाने के लिए किया है।

वायली ने भारत से जुड़े प्रोजेक्ट्स की एक लिस्ट साझा की है। इसमें बताया गया है कि कंपनी के पास देशभर के 600 जिलों के लाखों गावों का डेटा है। इसमें जाति आधारित डेटा शामिल है, जिसे समय-समय पर अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों को बेचा गया।

कंपनी ने लोकसभा चुनाव समेत उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, दिल्ली और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में पार्टियों के लिए काम किया था। वायली ने सिर्फ जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का नाम लिया है, जिसके लिए उसने 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में काम किया था।

बता दें, कि कैम्ब्रिज एनालिटिका भारत में स्ट्रैटजिक कम्युनिकेशंस लैबोरेटरी (एससीएल) के जरिए सक्रिय थी। इस कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर में जेडीयू नेता के.सी त्यागी के बेटे अमरीश भी शामिल थे।

एससीएल का काम अपने क्लाइंट्स के लिए सही टारगेट ग्रुप की पहचान करना था। मकसद यह था कि आबादी के एक तबके के व्यवहार को इस तरह प्रभावित किया जाए कि क्लाइंट्स को मनमुताबिक नतीजे मिल सकें।

कंपनी भारत में माइक्रो लेवल पर जानकारी जुटाती थी। इसमें परिवारों की स्थिति और जाति आधारित डेटा शामिल था जिसे ऑनलाइन मैपिंग एप्लीकेशंस से लिंक किया गया था। कंपनी अपने क्लाइंट्स को इस डेटा के बारे में पूरी रिसर्च मुहैया कराती थी ताकि वे जानकारी के आधार पर लोगों को अपने पक्ष में प्रभावित कर सके।

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