दो अप्रैल SC/ST एक्ट में हुए बदलाव के विरोध में दलित संगठनों ने भारत बंद बुलाया था। लाखों की संख्या में दलित, आदिवासी, प्रगतिशील लोग सड़कों पर उतरे थे। आज यानी 10 अप्रैल को आरक्षण विरोधी संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। कई राज्यों में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं।
साथ ही कई जगहों पर प्रदर्शन ने हिंसा का रुप ले लिया है। आरक्षण विरोधी इस आंदोलन का सबसे उग्र रूप बिहार में देखने को मिल रहा है। बंद समर्थकों ने दरभंगा से नई दिल्ली जाने वाली बिहार सम्पर्क क्रांति सुपर फास्ट ट्रेन को तीन घंटे से अधिक से पण्डासराय गुमती पर रोककर रखा।
इतना ही नहीं आरा नगर थाने में आनंदनगर इलाके में बंद समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान दोनों तरफ से फायरिंग की जा रही है। बिहार के गया जिला में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आरक्षण विरोधी आंदोलन में शामिल युवा आरक्षण मुक्त भारत बनाने के लिए जमकर नारेबाजी कर रहे हैं उनका कहना है कि आरक्षण जाति के हिसाब से नहीं बल्कि आर्थिक रुप से कमजोर लोगों को मिलना चाहिए ताकि हर वर्ग के लोग समाज की मुख्यधारा में आ सके।